मध्य प्रदेश: आरटीआई में जानकारी छुपाने में पंचायत विभाग सबसे अव्वल, खफा हुये सूचना आयुक्त सिंह
- ग्राम पंचायतों के सचिवों की आरटीआई कानून की ट्रेनिंग के आदेश
- आरटीआई कानून का सबसे ज्यादा उल्लंघन ग्राम पंचायतो में होने से राज्य सूचना आयोग परेशान है।
- सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने ग्वालियर की एक आरटीआई आवेदिका कृति शर्मा के द्वारा दायर 92 पंचायतों मे दायर अपील प्रकरण की सुनवाई एक साथ की।
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में आरटीआई कानून के लगातार उल्लंघन और जानकारी छुपाने में पंचायत विभाग सबसे अव्वल है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने प्रदेश के लगभग 25 हजार पंचायतो के सचिवों की सूचना का अधिकार अधिनियम की ट्रेनिंग करवाने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही सिंह ने आयोग में बढ़ते लंबित अपील प्रकरणों लिए प्रथम अपीलीय अधिकारियों को दोषी ठहराते हुए प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को राज्य के सभी प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा प्रथम अपील का निराकरण कानून के अनुरूप 30 दिन सुनिश्चित करवाने के आदेश भी जारी किए हैं।
मध्य प्रदेश में आरटीआई कानून का सबसे ज्यादा उल्लंघन ग्राम पंचायतो में होने से राज्य सूचना आयोग परेशान है। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने ग्वालियर की एक आरटीआई आवेदिका कृति शर्मा के द्वारा दायर 92 पंचायतों मे दायर अपील प्रकरण की सुनवाई एक साथ की। आरटीआई के तहत ग्वालियर और चंबल संभाग के कुल 92 ग्राम पंचायत से कीर्ति शर्मा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों और अंत्येष्टि योजना के हितग्राहियों की सूची मांगी थी।
बावजूद इसके पंचायत के लोग सूचना अधिकारी ग्राम पंचायत सचिवों ने किसी भी प्रकरणों में कोई भी जानकारी नहीं दी। वही इन 92 प्रकरणों में किसी भी प्रथम अपीलीय अधिकारी ने प्रथम अपील का निराकरण नहीं किया जिसके चलते आरटीआई आवेदिका को राज्य सूचना आयोग मे द्वितीय अपील लगानी पड़ी। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने इन सभी मामलों में जानकारी देने के आदेश जारी किए है। राहुल सिंह ने 92 ग्राम पंचायत के सचिव और जनपद पंचायत के प्रथम अपीलीय अधिकारियों की लापरवाही के लिए कृति शर्मा को ₹2000 की क्षतिपूर्ति भी इन सभी मामलों में देने के आदेश विकास आयुक्त ग्रामीण पंचायत विभाग को जारी किए हैं।
ग्राम पंचायतों के सचिवों की आरटीआई कानून की ट्रेनिंग के आदेश
वही सिंह ने ग्राम पंचायत स्तर पर हुए आरटीआई कानून के उल्लंघन को गंभीर विषय मानते हुए अपने आदेश में कहा कि राज्य सूचना आयोग के समक्ष मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सूचना का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन के प्रकरण ग्राम पंचायत स्तर के होते हैं। सिंह ने कहा कि इस तरह के लगातार उल्लंघन पंचायत स्तर पर कार्यालय व्यवस्था के पारदर्शी होने पर सवालिया निशान लगाते हैं।