मध्यप्रदेश: NSUI मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार की गिरफ्तारी का मामला, पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने डीजीपी को पत्र लिखकर जताया विरोध
- छात्र नेताओं ने की अजय सिंह से मुलाकात , अजय सिंह ने कमिश्नर प्रणाली पर उठाए सवाल कहा छात्र नेताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार ठीक नहीं
- पुलिस को सख्ती छात्र नेताओं पर नहीं शिक्षा माफियाओं पर बरतनी चाहिए
- छात्र नेताओं के साथ ज्यादती और सख्ती रोकने के लिए समुचित आदेश जारी करें डीजीपी, आंदोलन करना छात्रों का लोकतांत्रिक अधिकार: अजय सिंह राहुल
डिजिटल डेस्क, भोपाल। छात्र नेताओं खासकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और नर्सिंग छात्र छात्राओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह (राहुल भैया) ने नाराजगी जाहिर किया है। सिंह ने एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार को थाने में बिठाए रखने की घटना की तीखी आलोचना की है। कांग्रेस नेता ने इस मामले में प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना को पत्र लिखकर कहा है कि छात्रों के साथ ज्यादती ठीक नहीं है।
डीजीपी मध्य प्रदेश को संबोधित पत्र में अजय सिंह राहुल ने लिखा है कि, "प्रदेश की राजधानी भोपाल तथा इंदौर में विभिन्न मांगों को लेकर आन्दोलन / प्रदर्शन करने वाले छात्रों तथा भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के पदाधिकारियों पर पुलिस द्वारा अपराधिक प्रकरण दर्ज किये जा रहे हैं। इसके साथ उनसे दस से पचास हजार रुपये के बांड भी भरवाए जा रहे हैं।"
कांग्रेस नेता ने रवि परमार के प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा, "विगत 26 अप्रैल, 23 को छात्र नेता रवि परमार को स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ प्रदर्शन करने पर पुलिस थाना टीटी नगर, भोपाल में 11 घंटे तक बिठाकर रखा गया जबकि इन पर धारा 151 लगाई गई थी जिसमें तत्काल मुचलके पर छोड़ने का प्रावधान है। इसी तरह कई छात्रों पर पुलिस ने एक ही मामले में एफआईआर भी दर्ज की और बांड भी भरवाये।"
अजय सिंह ने पत्र में आगे लिखा है कि अपनी मांगों और समस्याओं को लेकर आन्दोलन / प्रदर्शन करना एक लोकतान्त्रिक अधिकार है। इसमें शामिल होने वाले छात्रों पर इस प्रकार की सख्त कार्यवाही किया जाना अनुचित है। उन्होंने डीजीपी से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में पुलिस द्वारा छात्रों के साथ ज्यादती और सख्ती रोकने के लिए समुचित आदेश देने का कष्ट करें।