मध्य प्रदेश: महिला अतिथि विद्वानों का कहना है, हम भी लाडली बहना है, हमसे परहेज क्यों?
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के सरकारी कॉलेजों में विगत दो दशकों से अध्यापन करने वाली महिला अतिथि विद्वानों ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गुहार लगाई है। भोपाल में रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में बोलते हुए महिला अतिथि विद्वान डॉ नीमा सिंह, डॉ सपना श्रीवास्तव, डॉ चेतना शर्मा, डॉ पूजा मिश्रा, डॉ लश्करी दास, डॉ ललित किशोरी एवं डॉ पुष्पा चतुर्वेदी ने शिवराज भैया से गुहार लगाते हुए कहा है कि हम भी इस प्रदेश की बेटी और मुख्यमंत्री की लाडली बहना है।जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के हर वर्ग का ध्यान रखते हुए सौगातों की बौछार कर रहे हैं, परंतु महिला अतिथि विद्वान की वर्षों पुरानी नियमितीकरण की मांग अब भी अधूरी है।जबकि विपक्ष में रहते शिवराज सिंह चौहान ने सार्वजनिक रूप से शाहजहानी पार्क की सभा मे कहा था कि अतिथि विद्वान प्रदेश के उच्च शिक्षित बेटे और बेटियां है।इनके नियमितीकरण की मांग जायज़ है। ये योग्य लोग है एवं एक मिनट में इनका नियमितीकरण किया जा सकता है।
अब जबकि शिवराज स्वयं मुख्यमंत्री है एवं उन्हें ही इस विषय पर निर्णय लेना है तब किस बात की देरी है। प्रदेश का सर्वाधिक चर्चित मुद्दा रहा है। अतिथि विद्वान नियमितीकरण। उन्हांेने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में चौहान प्रदेश में चौथी और सफल पारी खेल रहे है। उनकी इस पारी में सबसे बड़ा मुद्दा अतिथि विद्वान नियमितीकरण का ही रहा है। इसी मुद्दे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सड़कों पर उतरने की धमकी देते हुए कमलनाथ सरकार गिरा दी थी। अब जबकि शिवराज सरकार पुनः चुनावी समर में उतरने जा रही है, अतिथि विद्वान नियामितिकरण का मुद्दा एक बार पुनः चर्चा में है। अतिथि विद्वानों ने कहा कि विपक्ष जहां अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर लगातार हमलावर रहा है, वहीं अपनी सूझबूझ से विपक्ष के किले को भेदने वाले शिवराज एक बार पुनः अतिथि विद्वानों के विषय पर सकारात्मक निर्णय लेकर विपक्ष को मुद्दा विहीन कर सकते है।
अतिथि विद्वानों ने कहा कि आज प्रदेश के महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान लाड़ली बहनें सावन के महीने में अपने शिवराज भैया और प्रदेश के मुख्यमंत्री से प्रेसवार्ता के माध्यम से गुहार लगा रही हैं कि जहां वो सबको सौगात दे रहे है तो लाड़ली बहनों को भी 65 वर्ष तक कि आयु तक सेवा में बने रहने का तोहफा देकर अपना आशीर्वाद दें। इस अवसर पर संगठन के प्रमुख डॉ देवराज सिंह, डॉ आशीष पाडेय सहित बड़ी संख्या में अतिथि विद्वान उपस्थित थे।