मध्य प्रदेश: राज्य सूचना आयुक्त राहुल ने कहा, आरटीआई आवेदन आते ही सीसीटीवी फुटेज रखे सुरक्षित

सिंह ने प्रदेश के डीजीपी को किया निर्देशित, सभी थानों में सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने की व्यवस्था करें

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-09 13:17 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने राज्य के थानों में लगे सीसीटीवी को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है। सिंह ने प्रदेश के डीजीपी को निर्देशित किया है कि सभी थानों में लगे सीसीटीवी फुटेज के लिए आरटीआई आवेदन दायर होते ही उक्त सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। वही थानों में सीसीटीवी को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के उल्लंघन पर सूचना आयुक्त ने चिंता जताई है।

दरअसल शिवपुरी में एक युवक शिशुपाल जाटव ने अक्टूबर 2021 मे थाने में लगी सीसीटीवी फुटेज की जानकारी आरटीआई में मांगी थी। लोग सूचना अधिकारी एडिशनल एसपी ने शिशुपाल को लिखित में सूचित किया गया कि सीसीटीवी फुटेज नहीं दिया जा सकता है। क्योंकि 15 दिन की अवधि में ऑटोमेटेकली फुटेज नष्ट हो गए है। युवक ने आयोग में शिकायत कि सीसीटीवी फुटेज को जानबूझकर नष्ट होने कर दिया गया क्योंकि थाने में उसके साथ मारपीट की गई थी और सीसीटीवी फुटेज सामने आने से वहां के घटनाक्रम का सबूत सामने आ जाता। आयोग ने तत्कालीन एडिशनल एसपी, वर्तमान में एडिशनल एसपी जबलपुर कमल मौर्य से जवाब तलब किया।

80 फीसदी मामलों आरटआई में नहीं मिलती सीसीटीवी वीडियो

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस विभाग में सीसीटीवी को प्राप्त करने के 80 फीसदी मामलों में पुलिस यह कहते हुए सीसीटीवी उपलब्ध नहीं करती है कि सीसीटीवी फुटेज ऑटोमेटेकली नष्ट हो गए हैं। बिजली कट गई थी या फिर सीसीटीवी का डीव्हीआर खराब पड़ा हुआ था। सिंह ने कहा कि आरटीआई आवेदन में सीसीटीवी फुटेज वही व्यक्ति मांगता है जिसके मानव अधिकार का उल्लंघन थाने में हुआ हो। ऐसी स्थिति में सीसीटीवी फुटेज को प्राप्त करना पीड़ित व्यक्ति के मौलिक एवं संवैधानिक अधिकार अनुच्छेद 21 और मानव अधिकार में निहित है।

सीसीटीवी नष्ट होने का बहाना नहीं चलेगा : सूचना आयोग

सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने आयोग में भविष्य में सीसीटीवी के आरटीआई अपील आवेदन के निराकरण की व्यवस्था को स्पष्ट करते हुए कहा कि आयोग के इस आदेश के बाद के बाद भविष्य में अगर कोई लोक सूचना अधिकारी सीसीटीवी फुटेज के संबंध में यह दलील देता है कि विलंब से आरटीआई आवेदन का निराकरण किया गया और इसी वजह से सीसीटीवी फुटेज नष्ट हो गए हैं तो ऐसी स्थिति में लापरवाही के लिए लोक सूचना अधिकारी की ही जवाबदेही तय होगी जो कि अधिनियम के धारा 20 के तहत दंडनीय होगा।

क्या बदलेगा का इस आदेश से?

थाने में अक्सर मारपीट, दुर्व्यवहार होने की शिकायतें आती हैं। विवाद की स्थिति में थाने में लगे सीसीटीवी फुटेज को आरटीआई में हासिल करना फिलहाल लोगों के लिए टेढ़ी खीर है। पुलिस विभाग अक्सर सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग नष्ट होने से लेकर बिजली गायब होने तक के बहाने बना देती है। पर सूचना आयोग के इस आदेश के बाद सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग के लिए पुलिस विभाग में जवाबदेही तय हो जाएगी। और सीसीटीवी फुटेज आसानी से लोगों को उपलब्ध हो पाएगा।

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