मध्य प्रदेश: क्षेत्र में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी समरसता यात्राएं: गोविंद सिंह राजपूत
- सुरखी विधानसभा में सर्व समाज ने किया यात्राओं का स्वागत, 2 लाख लोग यात्रा से जुड़े, मिट्टी-जल किया अर्पित
- 100 करोड़ की लागत से मकरोनिया के बड़तूमा में बनेगा संत रविदास महाराज का भव्य मंदिर, प्रधानमंत्री 12 अगस्त को करेंगे भूमिपूजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। सागर जिले की सुरखी विधानसभा के पांच मंडलों में पिछले एक सप्ताह से चल रही संत शिरोमणि रविदास महाराज की समरसता यात्राओं का पूरे विधानसभा क्षेत्र में जमकर स्वागत हुआ। इन समरसता यात्राओं ने पूरी विधानसभा की सभी समाजों को एक सूत्र में बांध दिया है। एक सप्ताह में 2 लाख लोग इन यात्राओं से जुड़े और अलग-अलग स्थानों पर चल रहे रथों में एक मुट्ठी मिट्टी अर्पित की। इसके साथ ही जल भी समर्पित किया गया।
विधानसभा के पांचो मंडलो से निकली यात्राओं ने जहां संत रविदास महाराज के संदेश एकता का सूत्रपात किया, वहीं क्षेत्र में नई उर्जा का संचार किया है। खासतौर पर युवाओं के लिए यह यात्राएं महत्वपूर्ण साबित हुईं। दरअसल सागर के ग्राम बड़तूमा में संत रविदास जी का भव्य मंदिर करीब 100 करोड़ रूपए की लागत से बनाया जा रहा है। सागर में निर्मित हो रहा यह देश का पहला और सबसे बड़े मंदिर की आधार शिला रखने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को सागर आ रहे हैं। बहरहाल सुरखी विधानसभा क्षेत्र में निकली यह यात्राएं विधानसभा के 300 से ज्यादा गांवों में पहुंची। गौरतलब है कि क्षेत्रीय विधायक व प्रदेश के राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने इन यात्राओं को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। विधानसभा के पांचो मंडलों सीहोरा, बिलहरा, राहतगढ़, जैसीनगर, व सुरखी से निकाली गई यात्राओं ने क्षेत्र के सभी वर्गों को एकता के सूत्र में बांधा है।
धूमधाम से हुआ समरसता यात्राओं का समापन
गुरुवार को समरसता यात्रा का समापन बड़ी धूमधाम से हुआ। इस दौरान क्षेत्र की माता-बहनें भी यात्राओं में शामिल होकर बुंदेली गीतों को गाया। मंत्री राजपूत का कहना है कि समरसता यात्राओं का उद्देश्य जात-पांत और जाति भेद को मिटाना रहा है। यात्राओं के माध्यम से क्षेत्र के लोगों में आपसी मेल मिलाप, प्रेम, सद्भावना की भावना को बल मिला। यह यात्राएं क्षेत्र में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। उन्होंने कहा कि यह यात्राएं समूचे विधानसभा की 41 शक्ति केंद्रों से होकर गुजरी, जिनमें 242 मतदान केंद्रों का समावेश था, इस लिहाज से कहा जा सकता है कि यात्राओं ने इन सभी केंद्रों और उनके प्रभारियों में ऊर्जा का संचार किया है।