मध्य प्रदेश: भाजपा संकल्प पत्र से मप्र के ढाई लाख आउटसोर्स कर्मी हताश

भाजपा ने 2013 में संविदा को नियमित का वादा कर लुभाया, 2023 में भुलाया

Bhaskar Hindi
Update: 2023-11-11 15:24 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मप्र बिजली आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के प्रांतीय महामंत्री दिनेश सिसोदिया का कहना है कि भाजपा के संकल्प घोषणा-पत्र को पढ़कर प्रदेश के ढाई लाख आउटसोर्स कर्मी हताश हुए हैं। भाजपा ने अपने संकल्प-पत्र में असंगठित श्रमिक आउटसोर्स को केवल आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत 100 प्रतिशत पंजीकरण का लॉलीपोप दिखाया है। जबकि कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र के बिन्दु 8.8 में आउटसोर्स-संविदा-मानदेय पर शासकीय विभागों में कार्यरत युवाओं को सेवा से नहीं निकालने और उन्हें चरणबद्ध तरीके से नियमित कर आउटसोर्स को सीधी भर्ती में लेने के लिए भर्ती नियम में प्रावधान करने की बात करते हुए आउटसोर्सिंग ठेका प्रथा, संविदा मानदेय प्रथा समाप्त करने का वादा किया है।

सिसोदिया ने कहा कि भाजपा ने वर्ष 2013 में अपने लिखित घोषणा-पत्र में संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा कर लुभाया, पर अब पल्टी मारकर संकल्प-पत्र 2023 में उसी वादे को भुलाने का काम कर नियमित करने की जगह नियमित समान वेतन की बात कर रही है, जो पहले से ही मप्र के संविदा कर्मियों को मिल रहा है।

सिसोदिया ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले छः सालों में ग्रेड-पे, वेतन विसंगति एवं वेतन भत्तों की बढ़ौत्तरी को लेकर चार समितियां बनाईं, फिर भी छः साल बाद भी कोई फैसला अब तक नहीं लिया है। जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान ने इस संबंध में आदेश तक जारी कर दिये हैं। यहां तक कि मप्र में कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र के बिन्दु क्र.12.5 में पहली केबिनेट बैठक में वेतन विसंगति आयोग गठित करने का वचन दिया है, साथ ही मप्र विद्युत मण्डल कर्मियों को उप्र राज्य के समान शासकीय कोषालय के माध्यम से पेंशन उपलब्ध करवाने एवं 2005 के बाद नियमित भर्ती पाने वाले कर्मियों को पुरानी पेंशन का लाभ देने का वादा करते हुए केन्द्र के समान महंगाई भत्ता, गृह भाड़ा व वाहन भत्ते में बढ़ती महँंगाई की दरों को देखते हुए वृद्धि का वादा किया है, जो कर्मचारी हित में है। अब भाजपा को भी इससे प्रेरणा लेकर संशोधित संकल्प-पत्र में आउटसोर्स व संविदा की माँंग शामिल करना चाहिए।

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