सट्टा किंग सतीश सनपाल: कपड़े प्रेस करने वाले के खाते में ₹48 करोड़, सटोरियों ने 12 फर्जी कंपनियां बनाकर विदेश भेजे ₹1000 हजार करोड़

    Bhaskar Hindi
    Update: 2024-08-07 14:18 GMT

    डिजिटल डेस्क, भोपाल/जबलपुर। मध्यप्रदेश पुलिस पिछले दो साल से एक ऐसे व्यक्ति की तलाश कर रही है, जिसने 12 शैल कंपनियों के खातों के जरिए क्रिकेट सट्टे से कमाए 1 हजार करोड़ रुपये विदेश भेज दिए हैं। इस व्यक्ति का नाम सतीश सनपाल है। जबलपुर पुलिस 10 जून 2022 से उसकी तलाश में जुटी है और उस पर 10 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा है।

    सतीश सनपाल फिर से सुर्खियों में है क्योंकि उसके करीबी सहयोगी और इनामी सटोरिए विवेक पांडे की अग्रिम जमानत की याचिका 2 अगस्त को हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अगर पांडे अग्रिम जमानत पाने में सफल हो जाता तो सतीश सनपाल भी उसी आधार पर अग्रिम जमानत के लिए याचिका दाखिल करता, लेकिन उनकी योजना असफल रही। सतीश और विवेक ने ऐसे लोगों के नाम पर शैल कंपनियां बनाई थीं, जिन्हें इसकी जानकारी नहीं थी।

     

    इस मामले का खुलासा तब हुआ जब पुलिस एक शैल कंपनी के मालिक के पास पहुंची और वह कपड़े प्रेस करता हुआ मिला। आठवीं पास इस युवक के नाम पर विभिन्न बैंकों में कई खाते खोले गए थे, जिनके बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी। सतीश सनपाल और विवेक पांडे फिलहाल दुबई में हैं। कैसे क्रिकेट सटोरियों ने 1 हजार करोड़ रुपये विदेश भेज दिए और दुबई में बैठकर अग्रिम जमानत की याचिका दाखिल कर रहे हैं, पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

    मई 2022 में छापे के बाद सामने आया शैल कंपनियों का काला चिट्ठा

    शैल कंपनियों का यह काला चिट्ठा 19 मई 2022 को जबलपुर के आर के टावर में पड़े एक छापे के बाद सामने आया। क्राइम ब्रांच और लार्डगंज पुलिस को सूचना मिली थी कि यहां क्रिकेट सटोरिए सतीश सनपाल का ऑफिस चल रहा है। इसका इनपुट कुछ दिन पहले मदनमहल में पकड़े गए क्रिकेट सटोरियों से मिला था। पुलिस की टीम ने मौके से सतीश सनपाल के चाचा मनोज सनपाल और कर्मचारी दीपक रजक को हिरासत में लिया। ऑफिस की तलाशी में पुलिस को तीन मोबाइल, 27 विभिन्न कंपनियों की सील, तीन ऋण पुस्तिका, 7 नोटपेड, 34 चेकबुक, प्रॉपर्टी संबंधी कागजात और एक बंद अलमारी मिली।

    मनोज सनपाल और दीपक रजक ने बताया कि इस अलमारी की चाबी विवेक पांडे के पास है। विवेक पांडे नहीं मिला। देर रात पुलिस ने एक स्थानीय कारीगर को बुलाकर अलमारी खुलवाई। अलमारी में दो लॉकर थे - एक डिजिटल और दूसरा साधारण। दोनों को खोलने पर उसमें 21 लाख 55 हजार 600 रुपये मिले। यह रकम क्रिकेट सट्टे से एक दिन का कलेक्शन थी। पुलिस ने सतीश सनपाल के कार्यालय से जब्त 27 विभिन्न कंपनियों की सील और चेकबुक की जांच की तो पता चला कि ये शैल कंपनियों से जुड़ा मामला है। पुलिस ने कंपनियों के पते पर जाकर देखा तो पाया कि ये बोगस कंपनियां केवल कागजों में ही संचालित हो रही थीं।

    बैंक खातों का ब्योरा आने के बाद हैरान रह गई पुलिस

    पुलिस ने सभी 12 शैल कंपनियों के नाम पर खोले गए बैंक खातों का ब्योरा निकलवाया तो पता चला कि इन 12 शैल कंपनियों के खातों में 10 जून 2022 तक 1003 करोड़ रुपये जमा किए गए थे। वहीं इन खातों से इसी समय सीमा में 1001 करोड़ रुपये निकाले गए। खातों में 2 करोड़ 12 लाख रुपये बैलेंस था, जिसे पुलिस ने फ्रीज करा दिया।

    बैंक खातों की जांच के दौरान पुलिस को एक और चौंकाने वाली बात पता चली। ये सभी बैंक खाते अलग-अलग लोगों के नाम पर खोले गए थे। ये खाते एक्सिस बैंक, यस बैंक, ICICI बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, HDFC बैंक और SBI के थे। पुलिस ने बैंक से खातों और शैल कंपनियों के बारे में जानकारी हासिल की। बैंक की तरफ से बताया गया कि सबसे अधिक ट्रांजैक्शन एक्सिस बैंक, यस बैंक, HDFC बैंक और ICICI बैंक के खातों में किए गए हैं।

     

    प्रमोद रजक से पूछताछ के बाद दर्ज हुई एक और एफआईआर

    बैंक में प्रमोद रजक के डाक्यूमेंट्स के आधार पर पुलिस उस तक पहुंची। नरसिंह वार्ड आमनपुर कोलियाना मोहल्ला मदनमहल निवासी प्रमोद रजक (31) को वाशित सर्विसेज ओपीसी प्रा. लि. कंपनी का मालिक बताया गया था। इस शैल कंपनी का संचालन उसके ही मकान में बताया गया था।

    पुलिस प्रमोद रजक के घर पहुंची तो वहां कोई कंपनी नहीं मिली। प्रमोद रजक लोगों के कपड़े प्रेस करते हुए मिला। पुलिस ने उसके बयान दर्ज किए तो एक नई कहानी सामने आई। प्रमोद ने बताया कि उसे अंधेरे में रखकर सतीश सनपाल के कार्यालय में उसके दस्तावेज जमा कराए गए थे। इन्हीं दस्तावेजों का प्रयोग कर शैल कंपनी और उसके नाम पर बैंक में खाते खोले गए थे।

    30 हजार कर्ज के चक्कर में प्रमोद रजक को फंसाया गया

    31 साल का प्रमोद रजक गढ़ा रोड नरसिंह वार्ड आमनपुर कोलियाना मोहल्ला में रहता है। आठवीं पास है। वह घर पर लोगों के कपड़े प्रेस करता है। इससे उसे महीने में 5 से 10 हजार रुपये की कमाई हो जाती थी। प्रमोद ने बताया कि 5 दिसंबर 2021 को उसकी शादी होने वाली थी, लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। शादी से 15 दिन पहले छोटे भाई दीपक रजक से उसने कहा कि शादी के लिए 30 हजार रुपये की जरूरत है। मेरा छोटा भाई दीपक रजक आर.के. टावर राइट टाउन में ऑफिस में काम करता था। उसने कहा कि मैं अपने सेठ सतीश सनपाल से बात करता हूं।

     

    दीपक ने सनपाल से बात की तो उसने कहा कि तुम अपने भाई को ऑफिस में ले जाकर विवेक पांडे और अमित शर्मा से मिलवा दो। प्रमोद के अनुसार, उससे आधार कार्ड, पेन कार्ड और फोटो लाने के लिए कहा गया था। जब प्रमोद और उसका भाई ऑफिस पहुंचे तो उससे कुछ कागजात पर साइन करवाए गए।

    दस्तावेज पर साइन करवाकर दिए 30 हजार रुपये

    कागजात के बारे में पूछने पर अमित शर्मा और विवेक पांडे ने कहा कि टेंशन लेने की जरूरत नहीं है, कागज हमारे पास रहेंगे। प्रमोद को 30 हजार रुपये मिल गए और उसकी शादी हो गई। प्रमोद के अनुसार, मई 2022 में वह अपने रिश्तेदार के घर शादी में गया था। जब वापस लौटा तो पता चला कि उसके भाई के ऑफिस में 19 मई को पुलिस पहुंची थी।

     

    उसे यह भी पता चला कि सतीश सनपाल के ऑफिस से पुलिस ने 21 लाख रुपये के साथ चेकबुक और कागजात जब्त किए हैं। अमित शर्मा और विवेक पांडे पुलिस को नहीं मिले। प्रमोद को शक हुआ कि उसके दिए दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल हुआ है। उसने लार्डगंज थाने में सतीश सनपाल, विवेक पांडे, अमित शर्मा व मनोज शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई।

    इस एफआईआर के दो आरोपी हो चुके हैं बरी

    लार्डगंज पुलिस ने वारदात के बाद मनोज सनपाल को मौके से और अमित शर्मा को बाद में गिरफ्तार किया था, जबकि सतीश सनपाल और विवेक पांडे फरार चल रहे हैं। पुलिस ने 173 (8) में कोर्ट में चालान पेश किया था, जहां जनवरी 2023 में कोर्ट ने पर्याप्त साक्ष्य के अभाव में वकील मनोज सनपाल और अमित शर्मा को बरी कर दिया। वहीं सतीश सनपाल और विवेक पांडे की फरारी के चलते पुलिस की जांच चल रही है। उनकी गिरफ्तारी पर इनाम भी पुलिस ने घोषित कर रखा है। इसी मामले में विवेक पांडे की ओर से अग्रिम जमानत लगाई गई थी। उसने मनोज सनपाल और अमित शर्मा के बरी होने को आधार बनाया था।

     

    लेकिन कोर्ट में अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि दोनों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया गया है। जबकि सतीश सनपाल और विवेक पांडे के प्रकरण में जांच चल रही है। अभी साक्ष्य मिलने के पर्याप्त मौके हैं। दोनों एफआईआर दर्ज होने की तारीख से फरार भी हैं। कोर्ट ने इस तर्क के आधार पर विवेक पांडे की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है।

    सतीश सनपाल और उसका क्रिकेट सट्टे का नेटवर्क

    शहडोल के सोहागपुर का मूल निवासी 39 वर्षीय सतीश सनपाल ने जबलपुर आकर एक मुस्लिम महिला से शादी की। इसके बाद वह क्रिकेट के सट्टे में उतर गया और देखते ही देखते वह क्रिकेट सट्टे का किंग बन गया। वह दुबई में बैठकर भारत सहित कई देशों में क्रिकेट सट्टे का नेटवर्क ऑपरेट करता है। आरोपी के गोवा के अलावा विदेशों में कई कैसिनो और होटल संचालित हैं। सतीश तक सट्टे की रकम हवाला के जरिए पहुंचती है। आदर्श नगर रामपुर में अभी उसके पिता रामचंद्र सनपाल रह रहे हैं। सतीश के खिलाफ गोरखपुर, गढ़ा, मदनमहल और लार्डगंज में आईटी एक्ट, सट्टा और मारपीट, धोखाधड़ी के 5 मामले दर्ज हैं।

     

    सतीश दुबई में बैठकर ओपन वेब से सेट स्पोर्ट्स, मुंबई एक्सचेंज, सेट कैसिनो के माध्यम से सभी प्रकार के खेलों का सट्टा पूरे भारत में बुकियों के माध्यम से खिलवाता है। उसका पेमेंट वह कैश और शैल कंपनियों के खातों में कराता है। सतीश दुबई में रहकर वहां वीआई क्लब सहित कई होटल चला रहा है। वह अपनी लग्जरी लाइफ का प्रदर्शन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर करता रहता है। उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी हो चुका है, लेकिन गिरफ्तार नहीं हो पाया है।

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