लोकसभा चुनाव 2024: राशन में आटा देने की थी मंशा, गेहूं खरीदी कम होने से खींच लिए हाथ

  • 2साल पहले सर्वे में हितग्राहियों ने रखी थी मांग
  • साल दर साल गेहूं की सरकारी खरीदी कम
  • राशन का चावल बाजार में बेचने मजबूर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-16 04:08 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के उपभोक्ताओं को राशन में गेहूं का आटा देने की मशां से सर्वे कराया गया था। प्रदेश स्तर पर नियुक्त अधिकारियों ने जिले की राशन दुकानों का निरीक्षण कर हितग्राहियों से उनकी मांग भी पूछी थी। लेकिन साल दर साल गेहूं की सरकारी खरीदी कम होने से शासन ने अपने हाथ पीछे खींच लिए। हालात यह है कि जिले के हितग्राही गेहूं का आवंटन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। राशन का चावल बाजार में बेचने मजबूर हैं।

जानकारी अनुसार करीब 3 साल पहले शासन ने गरीब परिवारों को मुफ्त मिलने वाले राशन में 5 किलो गेहूं के आवंटन को कम कर 1 किलो कर दिया था, जबकि चार किलो चावल की मात्रा बढ़ा दी थी। हितग्राहियों की मांग के बाद शासन ने एक दल गठित कर राशन दुकानों का निरीक्षण कराने के साथ हितग्राहियों की मंशा भी पूछी थी। गेहूं की मांग बढऩे पर राशन में आटा देने की मंशा जाहिर की थी। लेकिन समर्थन मूल्य पर गेहूं की सरकारी खरीदी दो सालों से लगातार गिरने के कारण शासन ने भी अपने हाथ पीछे खींच लिए।

इनका कहना है

शासन ने मंशा तो जाहिर की थी राशन में आटा पहुंचाने की। गेहूं का आटा तैयार करने टेंडर भी जारी होने वाले थे। लेकिन फिर यह आगे प्रक्रिया नहीं बढ़ी।

- विनय पांडे, प्रभारी प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम

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