Nagpur News: बाल चिकित्सा में सटीक इलाज के लिए एम्स में हुआ खास कार्यशालाओं का आयोजन
- बाल चिकित्सा में महत्वपूर्ण देखभाल के लिए कार्यशालाओं का आयोजन
- दोनों कार्यशालाओं को 50 से अधिक पंजीकरण के साथ सफलता मिली
Nagpur News : उपराजधानी के एम्स अस्पताल में विकासात्मक बाल चिकित्सा और बाल चिकित्सा में महत्वपूर्ण देखभाल के लिए कार्यशालाओं का आयोजन हुआ। एम्स के बाल चिकित्सा विभाग ने IAP के राज्य सम्मेलन, MAHAPEDICON 2024 को लेकर दो कार्यशालाएं आयोजित कीं। जिसमें IDDEA (विकासात्मक विकलांगताओं की पहचान और प्रारंभिक हस्तक्षेप) कार्यशाला का समन्वय डॉ. उर्मिला दहाके, अतिरिक्त प्रोफेसर, बाल चिकित्सा ने किया गया। इसके अलावा POCUS (पॉइंट-ऑफ-केयर अल्ट्रासाउंड) कार्यशाला का समन्वय डॉ. अभिजीत चौधरी, एसोसिएट प्रोफेसर, बाल चिकित्सा ने किया। दोनों कार्यशालाओं को 50 से अधिक पंजीकरण के साथ सफलता मिली। कार्यशालाओं के उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. प्रशांत पी. जोशी थे। आईएपी के मुख्य संरक्षक डॉ. उदय बोधनकर, ठाणे से महाआईएपी के राज्य अध्यक्ष डॉ. रामगोपाल चेजारा और सोलापुर से आईएपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. अतुल कुलकर्णी ने इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
डॉ. पी. पी. जोशी ने दिव्यांग बच्चों और गंभीर देखभाल उपचार की आवश्यकता वाले बच्चों से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर अनुभव बांटे। कार्यशाला आयोजित करने के लिए बाल रोग विभाग को बधाई भी दी। उन्होंने स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए सटीक निदान उपकरण प्रदान कर बाल चिकित्सा देखभाल में क्रांति लाने में पीओसीयूएस के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. उदय बोडानकर ने IDDEA मॉड्यूल के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि इसे मूल आधार के साथ डिज़ाइन किया गया है। यह केवल इलाज की ज़रूरतों या कार्यात्मक परिणाम की भविष्यवाणी नहीं करता है। बल्कि इस सिद्धांत पर भी ज़ोर देता है कि सटीक संचार को सशक्त बनाना चाहिए।
डॉ. चेजारा और डॉ. अतुल कुलकर्णी ने एम्स में दोनों कार्यशालाओं की सराहना की। बाल रोग विभाग की प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. मीनाक्षी गिरीश ने दोनों कार्यशालाओं को संबोधित किया। इस मौके पर बाल रोग विभाग से डॉ. उर्मिला दहाके, डॉ. अभिजीत चौधरी, डॉ. रूपाली रोकाडे, डॉ. आकाश बंग मौजूद थे।