उत्तरप्रदेश: पेंशनरों की अनदेखी मोदी सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित हुई - अमिय रमन
- "भारत पेंशनर्स समाज, नई दिल्ली" के ज्वाइंट सेक्रेटरी जनरल अमिय रमण ने की मीटिंग
- चुनाव परिणामों में खतरे की घंटी की साबित होना बताया
- सरकार की नीतियों को बताया विरोधाभासी प्रोपेगेंडा
डिजिटल डेस्क, गोरखपुर। देश के 20 लाख से अधिक पेंशनर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले "भारत पेंशनर्स समाज, नई दिल्ली" के ज्वाइंट सेक्रेटरी जनरल अमिय रमण ने कैम्प कार्यालय, गोरखपुर में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया पूछने पर बताया कि तमाम कर्मचारी एवं पेंशनर्स संगठन सरकार से बहुत ही छोटी मांग जैसे आठवें वेतन आयोग का गठन,18 माह के बकाया डीए एरियर भुगतान, पुरानी पेंशन योजना बहाल करने तथा कर्मचारी हित मे सुप्रीम कोर्ट के फैसलो को समान मामलो में लागू करने का आग्रह करती रही है। संगठनो ने सरकार को चेताया भी कि देश मे सरकारी कर्मचारी तथा रिटायर्ड 4 करोड है।यदि इनके परिवार के कुनबे को जोड़ा जाय तो यह लगभग 12करोड होता है। यनि कि देश की कुल आबादी का लगभग 10% वोटिग पावर इनके पास है। सरकार ने इसको अनसुना किया जबकि बंगाल,पंजाब हिमाचल, तामिलनाडु आदि कई गैर भाजपा शासित प्रदेश सरकारो ने इनकी मांगो को पूरा किया।
इन सब के बावजूद सरकार का छोटी मांगो पर ध्यान न देना चुनाव परिणामों में खतरे की घंटी साबित हुई है। वेतन आयोग का गठन प्रायः तीन वर्ष पूर्व होता है। इस हिसाब से 1-1-26 से लागू वाला 8वां वेतन आयोग 1-1-23को ही गठित हो जाना चाहिए। डेढ वर्ष से अधिक गुजरने को ही लेकिन सरकार इस पर संसद मे पूछे गए सवाल पर जबाब देती है कि ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। एक ओर सरकार कार्मिक,जन परिवेदना, कानून एवं न्याय पर गठित संसद की स्थाई समिति के110वीं रिपोर्ट की सिफारिशो को वित्त का अभाव बताकर ठंडे बस्ते मे डाल देती है,बुज़ुर्गो को ट्रेन मे मिलने वाली रियायत को बहाल करने से मना कर देती है,वही दूसरी ओर कई ट्रिलियन इकोनॉमी का दावा करती है।
अन्ततः इस विरोधाभासी प्रोपेगेंडा को सब समझ चुके है। सभी सेवारत एवं सेवानिवृत्त कर्मचारियो को यह उम्मीद है कि नयी सरकार उनकी भावनाओ का संज्ञान लेकर छोटी छोटी मांगो को तत्काल पूरा करेगी। बैठक में भारत पेंशनर्स समाज के कार्यकारिणी सदस्य मुन्नी लाल गुप्ता,पूर्वोत्तर रेलवे पेंशनर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राधे श्याम सिंह,महासचिव ए.के.कोहली, महासचिव (संगठन) सुभाष चौधरी , सूचना एवं प्रसार मंत्री भानु प्रकाश नारायण, कार्यालय मंत्री अशोक कुमार सिंह , कोषाध्यक्ष दिनेश शरण, आनन्द गौड़,सियावर शरण,मंयक मोहन तिवारी,ए.के.विश्वकर्मा, रेखा रमण, कीर्ति भूषण इत्यादि उपस्थित थे।