अव्यवस्था: आश्रय सुविधा विहीन जिले की असहाय महिलायें व बालिकाएं
- स्व-आधार गृह एवं बालिका गृह के प्रस्ताव लंबित
- ढाई वर्ष में महिला अपराध के 1160 मामले दर्ज
- सबसे ज्यादा मामले दहेज हिंसा से जुड़े देखे गए हैं
डिजिटल डेस्क, पन्ना। असहाय महिलाएं समाज के वह अनदेखे चेहरे हैं जिनकी पीड़ा अक्सर अनसुनी रह जाती है। जीवन के विभिन्न मोड़ों पर वह अनेक चुनौतियों का सामना करती हैं। जिनसे अकेले निकलना उनके लिए मुश्किल हो जाता है। इन्हें विधवा, परित्यक्ता महिलाएं, अनाथ महिलाएं वृद्ध महिलाएं मानव तस्करी से पीड़ित महिलाएं शोषण और अन्याय का शिकार महिला व गरीब महिला इस तरह के कई नामों से जानते हैं।
शासन स्तर पर इनके पुर्नवास हेतु विभिन्न योजनाएं भी हैं लेकिन पन्ना जिले में इन महिलाओं के लिए एक अदद आश्रय गृह की सुविधा आज तक नहीं हो सकी है। जबकि जिले में महिलाओं और बच्चियों के साथ होने वाले अपराधों का ग्राफ निरंतर बढ़ रहा है।
महिलाओं को हर समय विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस अधीक्षक कार्यालय पन्ना द्वारा उपलब्ध कराई गई। जानकारी के मुताबिक जनवरी 2022 से जून 2024 तक ढाई साल में 1160 महिलाओं के खिलाफ विभिन्न अपराध दर्ज किए गए हैं। अकेले कोतवाली पन्ना में 159 एवं महिला थाना पन्ना में 134 मामले दर्ज हुए हैं जिसमें सर्वाधिक मामले दहेज हिंसा से जुड़े हैं।
इसके अलावा दुष्कर्म, अपहरण, छेडछाड़ व आत्महत्या के मामले सामने आते रहते हैं। अपराधों के साथ सामाजिक परिस्थितियों के चलते असहाय हुई महिलाओं एवं बच्चियों के लिए जिले में ऐसा कोई स्थान नहीं है। जहां उन्हें आश्रय मिल सके। महिला एवं बाल विकास विभाग के वन स्टाप सेंटर में कुछ दिनों को आश्रय मिलता है।
इसके बाद ऐसी महिलाओं व बालिकाओं को जिले के बाहर अन्य स्थानों पर भेज दिया जाता है। जहां वे गुमनामी में अपना जीवन बितातीं हैं जबकि जिला मुख्यालय में ऐसी महिलाओं और बालिकाओं के लिए कोई सुविधा नहीं है। महिला एवं बाल विकास के जिला परियोजना अधिकारी ऊदल सिंह ने बताया कि पन्ना में महिलाओं के लिए स्वाधार ग्रह एवं बालिकाओं के लिए बालिका ग्रह का प्रस्ताव शासन को भेजा है फिलहाल यह प्रस्ताव लंबित है।
400 अनाथ बच्चों को मिल रही सहायता
जिले में अनाथ बच्चों को शासन की योजनाओं का लाभ दिलाने में महिला एवं बाल विकास विभाग ने सराहनीय भूमिका निभाई है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ऊदल सिंह के प्रयासों से 302 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल आर्शीवाद योजना का लाभ मिल रहा है। इन बच्चों को प्रतिमाह 4 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। वहीं 40 अनाथ बच्चों को पोषण देखरेख योजना के तहत 2 हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
वहीं कोविड काल के दौरान असहाय हुए 45 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जोडा गया है। इन बच्चों को प्रतिमाह 5 हजार रूपये की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। इसके साथ ही कोविड के दौरान माता-पिता दोनों की मृत्यु के मामलों में 3 बच्चों को पीएम केयर फंड फॉर चिल्ड्रिन से जोड़ा गया है। इन बच्चों को 10 लाख की एफडी कराई गई है जो उन्हें वयस्क होने पर प्राप्त होगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ऊदल सिंह ने बताया कि पन्ना अनाथ बच्चों के लिए बाल ग्रह बनाया गया है। जहां वर्तमान में 6 बच्चे हैं इसके अलावा अजयगढ, अमानगंज एवं पन्ना शहर के रानीबाग में किलकिला किनारे लावारिश मिले 3 नवजात बच्चों को गोद दिया गया है। ऊदल सिंह ने बताया कि पन्ना में कुछ ऐसे बच्चे थे जिन्हें किन्हीं कारणों से सहायता राशि नहीं मिल पा रही थी, ऐसे 30 बच्चों को जेके सीमेंट पन्ना द्वारा 3 हजार रूपये की आर्थिक सहायता तीन वर्ष तक देने की स्वीकृति मिली है।
इनका कहना है
महिला बाल विकास विभाग द्वारा यदि प्रस्ताव भेजे गए हैं तो उसके लिए मैं पूरा प्रयास करूंगा कि सरकार द्वारा स्वीकृति प्राप्त हो।
बृजेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व मंत्री व विधायक पन्ना
पन्ना में महिला स्वाधार गृह, बालिका गृह बने इसके लिए मैंने मुख्यमंत्री एवं महिला एवं बाल विकास मंत्री से बात की है। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ बच्चों को मिलना चाहिए। इस संबंध मैं संबंधित विभाग से बात करूंगा और ऐसे बच्चों को लाभ दिलाया जाएगा।
विष्णु दत्त शर्मा, सांसद खजुराहो