कोर्ट का फैसला: माइनिंग कंपनी फेयर ब्लैक पर 31.94 करोड़ का जुर्माना, पांच साल पुराने एक और मामले में कलेक्टर न्यायालय का आया फैसला

  • अवैध उत्खनन के पांच साल पुराने मामले में आया फैसला
  • माइनिंग कंपनी फेयर ब्लैक पर 31.94 करोड़ का जुर्माना
  • पर्यावरण क्षतिपूर्ति की राशि भी शामिल है

Bhaskar Hindi
Update: 2024-05-18 12:32 GMT

डिजिटल डेस्क, कटनी। रेत के अवैध उत्खनन के पांच साल पुराने एक और मामले में जिला दंडाधिकारी अवि प्रसाद ने माइनिंग कंपनी मेसर्स फेयर ब्लैक इन्फ्राटेक इंडिया प्रा.लि. पर 31.94 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें अवैध उत्खनित 26,400 घनमीटर रेत की रायल्टी राशि 26 लाख 40 हजार रूपये का 60 गुना जुर्माना 15 करोड़ 84 लाख रूपए और इतनी ही पर्यावरण क्षतिपूर्ति की राशि शामिल है। गौरतलब है कि पिछले सप्ताह फेयर ब्लैक पर महानदी स्थित घुघरी रेत खदान में स्वीकृत रकबे से बाहर जा कर रेत के अवैध उत्खनन पर 6.93 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया था।

ताजा मामला जिले की घुन्नौर रेत खदान का है। स्टेट माईनिंग कार्पाेरेशन के कटनी उप कार्यालय द्वारा कलेक्टर न्यायालय में 3 अप्रैल 2019 को पेश किए गए प्रतिवेदन में बताया गया था कि विजयराघवगढ़ तहसील के ग्राम घुन्नौर के खसरा नंबर 911 रकवा 30.30 हेक्टेयर में से 5 हेक्टेयर रकबा में रेत खदान के संचालन का काम फेयर ब्लैक इन्फाटेक इंडिया प्रा.लि. को सौंपा गया था। यहां रेत के अवैध उत्खनन व परिवहन की शिकायत पर जब निरीक्षण दल ने जांच की तो वहां मिले रेत से लोड 8 वाहनों में से किसी के भी पास वैध परिवहन हेतु जरूरी दस्तावेज ईटीपी या अभिवहन पास नहीं मिला। साथ ही फेयर ब्लैक द्वारा स्वीकृत 5 हेक्टेयर रकबा के दक्षिण दिशा में 24,600 घनमीटर अवैध रेत किया जाना पाया गया।

नियमों एवं शर्तों का उल्लंघन

माइनिंग कॉर्पोरेशन के जांच प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर न्यायालय द्वारा शुक्रवार को फेयर ब्लैक द्वारा स्वीकृत रकबे से बाहर जा कर 26,400 घनमीटर रेत का अवैध उत्खनन किए जाने को खनिज रेत की विस्तृत ई-नीलामी सूचना में उल्लेखित आवश्यक शर्तों का उल्लंघन करना पाया गया। कॉर्पोरेशन के प्रतिवेदन के अनुसार फेयर ब्लैक द्वारा निविदा की शर्त क्रमांक 2.7,2.9, 2.11,और 2.12 का उल्लंघन किया गया है। निविदा शर्त 2.11 के अनुसार संबंधित को अवैध उत्खनन की सूचना भी देनी थी, जो नहीं दी गई। कलेक्टर न्यायालय मेंकरीब 5 साल तक चले इस मामले में शुक्रवार को जिला दंडधिकारी/कलेक्टर अवि प्रसाद ने मेसर्स फेयर ब्लैक इन्फ्राटेक इंडिया प्रा.लि. पर कुल 31 करोड़ 94 लाख 40 हजार रुपये के जुर्माना संबंधी आदेश जारी किया।

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