बड़ा हादसा: कट्टा नदी में बही श्रद्धालुओं की कार, चार युवकों को लोगों ने बचाया, एक लापता

  • नागपुर के श्रद्धालु नागद्वारी मेला जा रहे थे
  • रेस्क्यू टीम युवक की तलाश में जुटी
  • कलेक्टर ने जारी किया अलर्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-05 19:09 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जुन्नारदेव मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर ग्राम पंचायत बीचबिहरी स्थित कट्टा नदी में अचानक बाढ़ आ जाने से महाराष्ट्र से नागद्वारी यात्रा पर निकले पांच श्रद्धालु कार समेत बह गए। इसमें से चार श्रद्धालुओं को स्थानीय लोगों की मदद से बचा लिया गया। एक श्रद्धालु कार समेत पानी के तेज बहाव में बह गया। रेस्क्यू टीम श्रद्धालु की तलाश कर रही है। रविवार देर रात तक रेस्क्यू जारी रहा। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक टीम मौके पर पहुंच गई थी।

जुन्नारदेव डीएसपी आरएस बंजारे ने बताया कि नागपुर से मिलिंद पराते (30), शैलेश कुशवाह (36), केतन टेकाड़े (39), विक्रम अतव (30) और निखिल सोनकुंवर (32) नागपुर से नागद्वारी मेले के लिए कार से निकले थे। रविवार सुबह लगभग 8 बजे के आसपास जुन्नारदेव से 25 किलोमीटर दूर बिचबिहरी के पास कट्टा नदी का पुल पार करते वक्त कार अनियंत्रित होकर पानी के तेज बहाव के साथ बह गई। कार सवार 5 में से 4 श्रद्धालुओं को स्थानीय लोगों ने बचा लिया, लेकिन कार में फंसा शैलेश कुशवाह कार समेत बह गया। पुलिस और रेस्क्यू टीम युवक की तलाश कर रही है। देर रात तक कार और युवक दोनों नहीं मिल पाए थे। सूचना पर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह, एसपी मनीष खत्री भी मौके पर पहुंचे थे। इसके अलावा एसडीएम कामिनी ठाकुर, तहसीलदार राजेंद्र टेकाम, नायब तहसीलदार राजीव नेमा, थाना प्रभारी राकेश बघेल, ग्राम पंचायत सचिव गुरु प्रसाद बानवंशी सहित कोटवार मौके पर मौजूद थे।

रेस्क्यू टीम के लिए बारिश बन रही बांधा

रविवार को लगभग दिनभर बारिश होने से नदी उफान पर थी। इस वजह से रेस्क्यू कर रही एसडीआरएफ और जिला होमगार्ड की टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रविवार देर रात तक युवक और कार दोनों नहीं मिले थे। देर रात तक कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह और एसपी मनीष खत्री भी घटनास्थल पर मौजूद रहे।

कलेक्टर ने जारी किया अलर्ट

कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने जिले में लगातार हो रही बारिश को देखते हुए सभी कार्यपालिक अधिकारियों को नदी-नालों पर नजर रखने निर्देश दिए है। नदी और नालों में बाढ़ की स्थिति में पुल-पुलियाओं से आवागमन न होने देने की सख्त हिदायत दी है। इसके अलावा नदी-नालों के समीप आवश्यक बैरिकेडिंग करने और साइन बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए हैं।

नदी के रपटा पर नहीं है सुरक्षा इंतजाम

जुन्नारदेव से कट्टा होते हुए सांगाखेड़ा जाने वाले मार्ग पर यातायात का काफी दबाव है। यहां से रोजाना सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है। कट्टा नदी पर बने रपटे की ऊंचाई और सुरक्षा के इंतजाम को लेकर सवालियां निशान उठ रहे हैं। नदी से लगभग आठ फीट ऊंचाई पर बने रपटे पर रैलिंग नहीं है। हल्की बारिश में ही पहाड़ों से आने वाला पानी नदी में उफान ला देता है और पानी रपटे के ऊपर से बहने लगता है। यहां हमेशा हादसों का खतरा रहता है। प्रशासन ने अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया है। इस हादसे से सबक लेकर शासन-प्रशासन को सुरक्षा इंतजाम करना चाहिए।

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