जनसुनवाई कार्यक्रम: जनसुनवाई में अनुपस्थित पंचायत सचिव के विरूद्ध कार्यवाही की मांग

  • ग्राम पंचायतों में जनसुनवाई का कार्यक्रम बंद पड़ा हुआ था
  • स्थानीय अमले की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए​​
  • आय-व्यय का ब्यौरा पंचायत की बैठकों में नहीं बताया जाता

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-12 09:37 GMT

डिजिटल डेस्क, गुनौर नि.प्र.। मध्य प्रदेश शासन द्वारा आमजनों की समस्याओं का शीघ्रता एवं सरलता से निराकरण हो सके यह सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जनसुनवाई को लेकर शासन के निर्देश हैं कि सभी शासकीय कार्यालयों, निकायों में जनसुनवाई कार्यक्रम में कार्यालय प्रमुख अनिवार्य रूप से उपस्थित होकर जनसुनवाई में आई समस्याओं व शिकायतों का निराकरण करेंगे।

जनसुनवाई कार्यक्रम को लेकर लंबे समय से जिले में यह देखा जा रहा था कि ग्राम पंचायतों में जनसुनवाई का कार्यक्रम बंद पड़ा हुआ था और स्थानीय स्तर पर जो पंचायतों में समस्याओं का निराकरण किया जा सकता है उनके लिए भी आवेदकों को जिला मुख्यालय तक पहुंचना पड़ता था।

इसको लेकर वर्तमान जिला कलेक्टर द्वारा ग्राम पंचायतों में जनसुनवाई की व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रत्येक मंगलवार को अनिवार्य रूप से जनसुनवाई आयोजित करने और इसमें ग्राम पंचायत के सचिव, रोजगार सहायकों के साथ ही स्थानीय अमले पटवारी आदि की उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

जिला कलेक्टर सुरेश कुमार द्वारा स्वयं इसकी निगरानी की जा रही है और इसके लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इसके बावजूद कई पंचायतों में जनसुनवाई के कार्यक्र को लेकर पंचायत सचिवों की लापरवाहियां सामने और उदासीनता सामने आ रहीं हैं। कलेक्टर के निर्देश के बावजूद पंचायत सचिव ही जनसुनवाई कार्यक्रम में नहीं पहुंच रहे हैं।

ताजा मामला जनपद पंचायत गुनौर के ग्राम भिटारी का सामने आया है जहां 02 जुलाई को आयोजित जनसुनवाई में जब अशोक अवस्थी दोपहर 02:30 बजे पहुंचे तो पंचायत सचिव रजनीश चौरसिया जनसनुवाई करके अपने घर गंज सलेहा जा चुके थे। सचिव के पंचायत में अनुपस्थित रहने एवं अपने घर गंज सलेहा चले जाने की जानकारी जपं गुनौर में पदस्थ पंचायत निरीक्षक शिव गोविन्द पाण्डेय को दी गई।

वहां जनसुनवाई में अपनी-अपनी समस्यायें लेकर पहुंचे ग्रामीणों से पता करने पर पता चला कि सचिव ग्राम पंचायत में कम ही समय देते हैं ग्राम पंचायत में नियमानुसार बैठकें भी नहीं होती हैं। पंचों को पता ही नहीं है कि पंचायत में किस काम के लिए कितना बजट आया हुआ है। पंचायत के आय-व्यय का ब्यौरा पंचायत की बैठकों में नहीं बताया जाता है।

लोगों के अनुसार पंचायत सचिव की गडबडियों की शिकायत जनपद पंचायत गुनौर की जनसुनवाई में शिकायतकर्ता अशोक कुमार अवस्थी द्वारा की गई है। जिसमें लेख किया गया है कि दिनांक 2 जुलाई को 02:30 बजे ही पंचायत सचिव अपने घर चले गए थे। पंचायत की आय-व्यय का पंचों के कथन के साथ भौतिक सत्यापन किया जाए एवं गड़बड़ी पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए।

दो आवेदन और भी प्राप्त हुए जिसमें संतोषी गोसाई निवासी ग्राम पंचायत सथनिया ने आवेदन दिया कि खाद्यान्न नहीं मिलता है जिसके संबंध में पंचायत निरीक्षक द्वारा तुरंत निराकरण करवाते हुए बताया गया कि इनका बीपीएल कार्ड न होने के कारण खाद्यान्न बंद हो गया है।

तीसरा आवेदन संतोष प्रजापति का प्राप्त हुआ जिसमें बीपीएल धारक सुनिया प्रजापति की मृत्यु के बाद पुत्र संतोष ने अपने नाम से बीपीएल कार्ड जारी करने का आवेदन दिया है जिसके संबंध में तहसीलदार को लेख करने की बात कही गई। पंचायत सचिव द्वारा की जा रही मनमानी के संबध में नोटिस जारी कर नियमानुसार कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है। 

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