पानी को लेकर एकलव्य में विद्यार्थियों का प्रदर्शन: धरना देकर जताया विरोध, टैंकर से सप्लाई के बाद माने छात्र

  • जुन्नारदेव एकलव्य विद्यालय फिर विवादों में
  • जांच अधिकारियों ने सहायक आयुक्त ट्राइबल को भेजा प्रतिवेदन
  • 210 विद्यार्थी परिसर में रहकर पढ़ाई कर रहे

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-18 04:29 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जुन्नारदेव एकलव्य विद्यालय फिर विवादों में हैं। आवासीय विद्यालय होने के बावजूद यहां पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी विद्यार्थियों के लिए नहीं है। सोमवार को निस्तार के लिए भी पानी नहीं मिलने से नाराज विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया। तकरीबन चार घंटे तक विद्यार्थी अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे हैं। दोपहर पहुंचे अधिकारियोंं के आश्वासन के बाद छात्र हड़ताल खत्म कर अपने कमरे में वापस लौटे।

सोमवार सुबह से ही विद्यार्थी यहां की व्यवस्थाओं को लेकर आक्रोशित थे। रविवार को यहां की मोटर जल जाने के कारण जल सप्लाई पूरी तरह प्रभावित हो गई थी। सोमवार को हालात ये थी कि यहां निस्तार के लिए भी बच्चों को पानी नहीं मिल पा रहा था। छात्रों ने इस बात की शिकायत प्रबंधन से की, लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला। जिसके बाद विद्यार्थियों ने दोपहर में हड़ताल शुरु कर दी। परिसर के अंदर ही धरना प्रदर्शन करते हुए प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। जैसे ही ये खबर अफसरों तक पहुंची, उन्होंने मौके पर पहुंचकर समझाइस देने की कोशिश की और तुरंत ही टैंकर का इंतजाम किया गया। तब जाकर विद्यार्थियों ने धरना प्रदर्शन बंद किया।

210 विद्यार्थी, 180 से थे प्रदर्शन में शामिल : जुन्नारदेव आवासीय एकलव्य विद्यालय वर्तमान में यहां 210 विद्यार्थी दर्ज है। छटवीं से लेकर 12वीं तक कक्षाओं का संचालन यहां किया जाता है। सोमवार को विरोध प्रदर्शन के दौरान यहां 180 विद्यार्थी मौजूद थे जो प्रबंधन की लापरवाही से नाराज नजर आ रहे थे।

मामले की हुई जांच, एसी ट्राइबल को भेजा प्रतिवेदन

चार घंटे तक हड़ताल करने की वजह की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची। जिसके आनन-फानन में प्राचार्य चंद्रकला सातनकर को मौके पर पहुंचाया गया। जांच अधिकारी श्रीसातनकर ने मामले से संबंधित रिपोर्ट तैयार करते हुए एसी ट्राईबल को प्रतिवेदन भेजा है।

इनका कहना है

मामले की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। समझाइस के बाद छात्रों ने धरना प्रदर्शन बंद कर दिया था। प्रतिवेदन रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी गई है।

चंद्रकला सातनकर, जांच अधिकारी

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