फरार अधिकारी: 77 दिन से फरार 10 हजार के ईनामी सहायक आयुक्त पर गिरी गाज, किया गया निलंबित
- 2.59 करोड़ के गबन की एफआईआर दर्ज होने के बाद से हैं गायब
- फिर खड़े हुए सवाल
- तलाश में जुटी डिण्डौरी पुलिस
डिजिटल डेस्क, सिवनी। मध्यप्रदेश के सिवनी में 77 दिन पहले 21 फरवरी को डिण्डौरी कोतवाली में 2.59 करोड़ रुपए के गबन की एफआईआर दर्ज होने के बाद से फरार सिवनी जनजातिय कार्य विभाग में पदस्थ सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके को निलंबित कर दिया गया है। उनके निलंबन से संबंधित आदेश 6 मई को मप्र शासन जनजातिय कार्य विभाग की उप सचिव दिशा प्रणय नागवंशी द्वारा जारी किया गया है। हालांकि निलंबन आदेश में 10 हजार रुपए के इनामी फरार सहायक आयुक्त के खिलाफ दर्ज एफआईआर का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही उनके द्वारा किए गए गबन का जिक्र है।
निलंबन आदेश में कहा गया है कि उच्च न्यायालय में लंबित अवमानना प्रकरणों एवं याचिका प्रकरणों की समीक्षा बैठक में आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग के पत्र दिनांक 17 फरवरी 2024 को प्रात: 10 बजे समस्त प्रभारी अधिकारियो संभागीय उपायुक्त/सहायक आयुक्त/जिला संयोजकों को प्रकरण से संबंधित अभिलेख लेकर प्रबंधक मप्र आदिवासी वित्त एवं विकास निगम के सभा गृह में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे, परंतु अमर सिंह उईके, सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, जिला सिवनी उक्त बैठक में उपस्थित नहीं हुए और अपनी अनुपस्थिति के संबंध में भी कार्यालय आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग को अवगत नहीं कराया गया। इसी प्रकार 22 फरवरी 2024 को प्रमुख सचिव, अनुसूचित जाति कल्याण विभाग की अध्यक्षता में संपन्न विडियो कॉन्फ्रेंस में भी सहायक आयुक्त उईके उपस्थिति नहीं हुए। उक्त कृत्य अपने पदीय कर्तव्यों के पालन में लापरवाही का द्योतक है।
फिर खड़े हुए सवाल
इस पूरे मामले में जनजातिय कार्य विभाग की भूमिका शुरु से ही सवालों के घेरे मेें रही है। कर्मचारियों-अधिकारियों को छोटी-छोटी बातों में तत्काल निलंबित कर दिया जाता है, लेकिन गबन के मामले में एफआईआर होने के बावजूद उइके को ढाई महीने तक निलंबित नहीं किया गया। दैनिक भास्कर द्वारा इस मामले को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद अब निलंबन की कार्रवाई की गई है, लेकिन उसमें भी एफआईआर का उल्लेख न किया जाना सवाल खड़े कर रहा है। समीक्षा बैठक व वीडियो कॉन्फ्रेंस में अनुपस्थित होने पर उइके को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 का उल्लघंन करने के फलस्वरूप मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 (1) बी के अंतर्गत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय कार्यालय संभागीय उपायुक्त जनजातीय कार्य तथा अनुसूचित जाति विकास जबलपुर संभाग निर्धारित किया गया है।
तलाश में जुटी डिण्डौरी पुलिस
एफआईआर दर्ज होने के बाद से डिण्डौरी पुलिस उइके कि तलाश कर रही है। डिण्डौरी एसपी ने उन पर 10 हजार रुपए का ईनाम घोषित किया है। पुलिस द्वारा मंगलवार की रात सिवनी में पदस्थ एक कर्मचारी को उठाए जाने की जानकारी भी सूत्र दे रहे हैं। हालांकि इसकी पुष्टि डिण्डौरी पुलिस से नहीं हो पाई है। गौरतलब है कि डिण्डौरी में पदस्थ रहने के दौरान फरार सहायक आयुक्त पर राज्य छात्रवृत्ति योजना की राशि में भारी गोलमाल सहित वित्तीय अनियमितताएं करने के आरोप लगे थे। इसके बाद उन्हें सिवनी स्थानांतरित कर दिया गया था। राज्य स्तरीय टीम से जांच के बाद इस साल 21 फरवरी को डिंडौरी के कोतवाली थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई। पुलिस ने धारा 420, 409, 34 के तहत 2 करोड़ 59 लाख 97 हजार 577 रुपए के गबन का मामला दर्ज किया और फरार सहायक आयुक्त उइके की तलाश में जुटी है।
इनका कहना है-
सिवनी में पदस्थ सहायक आयुक्त अमर सिंह उइके को निलंबित कर दिया गया है। इस संबंध में 6 मई को ही आदेश जारी हो चुका है।
- कुंवर विजय शाह, केबिनेट मंत्री, मप्र शासन