मध्यप्रदेश: खुले गहरे गढ्ढे के पानी में डूबने से 18 वर्षीय युवक की दुखद मौत, गिट्टी बनाने के लिए खोदे गए पत्थर से बन गया था गहरा लंबा-चौड़ा गढ्ढा
- पानी से लबालब गढ्ढे में गिरे एक 18 वर्षीय युवक की पानी में डूब जाने से मौत
- घटना से हीरापुर गांव में पसरा मातम
- मुख्यमंत्री के निर्देश के बावजूद प्रशासन ने किया अनदेखा
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले के बृजपुर थाना की चौकी पहाडीखेरा अंतर्गत समीपस्थ करीब 2 किलोमीटर दूर पहाडीखेरा मार्ग स्थित बुचुआ नाला के समीप गिट्टी बनाने के लिए पत्थर की खुदाई के बाद खुले छोडे गए लंबे-चौड़े गहरे पानी से लबालब गढ्ढे में गिरे एक 18 वर्षीय युवक की पानी में डूब जाने से मौत हो जाने की दुखद घटना सामने आई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाडीखेरा चौकी अंतर्गत आने वाले ग्राम हीरापुर सतीश कुमार वर्मा का 18 वर्षीय पुत्र मनोज उर्फ नरेन्द्र वर्मा अपने गांव के ही चार मित्रों के साथ शाम को लगभग 4 बजे बुचुआ नाला घूमते-घूमते पहुंच गया था जहां पर युवक मनोज एवं उसके साथी बुचुआ नाले के समीप स्थित लंबे-चौड़े गहरे गढ्ढे में नहाने लगे इसी दौरान मनोज उर्फ नरेन्द्र वर्मा फिसलकर गहरे गढ्ढे के अंदर पानी में पहुंचकर फंसते हुए डूबा गया।
अचानक घटित हुए घटना को देखते हुए मनोज के अन्य दोस्त बिखलते हुए चिल्लाते रहे किन्तु वह उसे बचाने के लिए कोई मदद नहीं कर पाये और मदद के लिए 100 नंबर पर कॉल करके घटना की जानकारी दी गई जिसके बाद चौकी प्रभारी पहाडीखेरा प्रीतम सिंह स्टॉफ प्रधान आरक्षक रामपाल बागरी, कमलेश ब्यास, अरूण कुमार आरक्षक रावेन्द्र यादव, प्रदीप हरदेनिया, सैनिक दयाशंकर घटना स्थल पर पहुंचे तथा पानी में डूबे युवक जिसकी मौत हो चुकी थी निकलवाया गया तथा पंचनामा कार्यवाही कर पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय पन्ना भेजा गया। मृतक युवक का शव का पोस्टमार्टम कल गुरूवार 8 अगस्त को होने की बात कही जा रही है। दुखद घटना से हीरापुर गांव में मातम पसरा हुआ है।
सडक़ निर्माण के ठेकेदार द्वारा गिट्टी के लिए खोदा गया था गढ्ढा
पहाडीखेरा से 2 किलोमीटर दूर बुचुआ नाला की जमीन में पत्थर मौजूद होने पर गिट्टी बनाने के लिए पन्ना-पहाडीखेरा मार्ग के निर्माण कराने वाले ठेकेदार द्वारा क्रेशर प्लान्ट गिट्टी के लिए लगाया गया था और गिट्टी बनाने के लिए पत्थरो की जेसीबी से खुदाई करवाकर निकाले गए और इसके चलते लंबा चौडा करीब 25 फुट गहरा गढ्ढा बन गया था और इसे गढ्ढे में बरसात का पानी भर गया है। खुले पडे इस तरह के लंबा-चौडे गढ्ढा जहां पर पानी भरा हुआ पथरीली चट्टान भी मौजूद है जिसके चलते यहां पर दुर्घटनाओ की आशंका बनी हुई है।
आरोप है कि ठेकेदार द्वारा गिट्टी बनाने के लिए पत्थरो की खुदाई तो कर ली गई परंतु उसे बने गहरे गढ्ढे न तो पटा गया और न ही दुर्घटना न हो इसके लिए किसी भी प्रकार की सुरक्षा के प्रबंधन किए गए जो आज एक दुखद घटना का कारण बना। इसको लेकर प्रशासन के जिम्मेदारों पर भी सवाल खडे हो रहे है। मुख्यमंत्री द्वारा अनेक बार प्रशासन को इस बात के निर्देश दिए गए है कि कही भी खुले गढ्ढे कुंआ बावड़ी आदि इस स्थिति में होने चाहिए जिससे किसी भी प्रकार की अनहोनी की घटना घटित हो। इसके बावजूद जिस तरह से पत्थर की खुदाई के बाद लंबा-चौडा और असुरक्षित गढ्ढा बना हुआ है और पानी से भरा हुआ है इसकी अनदेखाी अब तक हो रही है।