मानवता की मिसाल: आदिवासी बैगा बुजुर्ग की मौत के बाद असहाय बहन की मदद को आगे आए युवा, करवाया अंतिम संस्कार
- शहडोल के युवाओं ने पेश की मानवता की मिशाल
- आदिवासी बैगा की मौत के बाद करवाया अंतिम संस्कार
- असहाय बहन के सहायता के लिये आगे आये
डिजिटल डेस्क, शहडोल। शहर के वार्ड क्रमांक 30 कठ्ठी मोहल्ला में आदिवासी बैगा बुजुर्ग चिल्लू बैगा की शुक्रवार सुबह अचानक मौत के बाद साथ रही बहन ललिता बैगा अंतिम संस्कार के लिए ही परेशान हो गईं। पड़ोसियों ने बताया कि चिल्लू बैगा की पत्नी की मौत पहले ही हो गई थी। वे अपनी बुजुर्ग बहन के साथ यहां रहते थे। चिल्लू की मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए बहन की परेशानी की बात शहर के समाजसेवी युवाओं तक पहुंची तो युवाओं की टीम बुजुर्ग महिला के घर पहुंची और विधि-विधान से अंतिम संस्कार करवाने की व्यवस्था की।
20 से ज्यादा अंतिम संस्कार करवा चुके हैं
पार्षद सिल्लू रजक, रंजीत बशाक, विकास जोतवानी, मुकेश द्विवेदी व अज्जू ने आदिवासी बैगा बुजुर्ग की मौत के बाद अंतिम संस्कार करवाया। पार्षद सिल्लू रजक ने बताया कि ढाई माह पहले एक बंगाली महिला की मौत के बाद अंतिम संस्कार करवाए थे। जब भी किसी असहाय की परेशानी की सूचना मिलती है तो फौरन मदद को जाते हैं। अब तक 20 से ज्यादा ऐसे अंतिम संस्कार करवा चुके हैं। चिल्लू बैगा का अस्थि विसर्जन सोन नदी के चंदन घाट में करवाएंगे।