मध्यप्रदेश: नियम विरूद्ध आवंटित हुई थीं सदर कॉम्पलेक्स की 48 दुकानें, दुकानदारों ने अवैध निर्माण किया, हजारों रुपए किराया भी बकाया
- 48 दुकानों का नियम-विरूद्ध आवंटन किया गया
- एजेण्डा जारी होने के बाद सीएमओ को दिया था पत्र
- 15 दिन के भीतर एफआईआर कराने का निर्णय लिया
डिजिटल डेस्क, सिवनी। बुधवारी बाजार स्थित नगर पालिका के सदर कॉम्पलेक्स की 48 दुकानों का नियम-विरूद्ध तरीके से पहले आओ-पहले पाओ के तहत आवंटन किया गया था। 15 साल पहले वर्ष 2009 में आवंटित हुईं इन दुकानों पर दुकानदारों द्वारा अवैध निर्माण भी करा लिया गया है। उन पर हजारों रुपए किराया भी बकाया है। शुक्रवार को आयोजित नगर पालिका परिषद के साधारण सम्मिलन में सीएमओ आरके कुर्वेती द्वारा इन दुकानों का आवंटन नियम विरूद्ध तरीके से किए जाने की जानकारी परिषद को दिए जाने के बाद पार्षद कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गए। निर्णय लिया गया है कि सभी दुकानदारों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।
सम्मेलन में नगर पालिका स्वामित्व की दुकानों, भवन, गंज क्षेत्र में आवंटित कोठा में लीज धारकों द्वारा किए गए अतिरिक्त निर्माण पर कार्रवाई को लेकर निर्णय लिया जाना था। एजेंडे में शामिल इस मुद्दे पर चर्चा प्रारंभ होते ही सिवनी विधायक की ओर से प्रतिनिधि बनाए गए अजय बाबा पाण्डे ने कहा कि पालिका के स्वामित्व की दुकानों, भवन व कोठों पर निर्माण करने वाले लीज धारकों पर कार्रवाई की जाए। बुधवारी सब्जी मण्डी में अवैा तरीके से दुकानों का निर्माण करा लिया गया है। उन्होंने पुराने मछली बाजार के पास स्थित दुकानों को लेकर भी सवाल खड़े किए। राजस्व सभापति सोहेल पाशा ने इस एजेण्डे को सम्मिलन में शामिल करने को लेकर ही सवाल खड़ा कर दिया। वे बोले कि परिषद चाहती है कि कार्रवाई हो लेकिन पूरी तैयारी व जानकारी के साथ इसे एजेण्डे में शामिल किया जाना था। नेता प्रतिपक्ष ज्ञानचंद सनोडिया ने कहा कि परिषद में सूची पेश की जाना चाहिए थी।
पार्षद राजेश राजू यादव ने आरोप लगाया कि एजेण्डा जारी होने के बाद उन्होंने सीएमओ को पत्र दिया था कि शहर में पालिका की कितनी दुकानें हैं, कैसे आवंटित हुई थीं, किसे आवंटित हुई थीं, यह पूरी जानकारी सम्मिलन में प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि सदर कॉम्पलेक्स के 48 दुकानदारों को जनवरी माह में नोटिस जारी किया गया था। सभी दुकानदारों ने अवैध निर्माण किया है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। इन दुकानों के नियम विरूद्ध आवंटन में लिप्त अधिकारी-कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए।
सीएमओ कुर्वेती ने कहा कि दुकानदारों को फिर नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर गाइड लाइन के हिसाब से अवैध निर्माण की वसूली होगी। इस पर राजिक अकील ने आपत्ति करते हुए कहा कि बाजारू दर लगाई जाए। वे बोले कि सदर कॉम्पलेक्स के दुकानदारों पर हजारों रुपए का किराया भी बकाया है। उन्होंने राजस्व विभाग के अमले की भूमिका को लेकर भी सवाल खड़े किए। इस एजेण्डे को पूरी तैयारी के साथ अगली बैठक में लाने की बात भी रखी गई, लेकिन पार्षद सदर कॉम्पलेक्स के मामले में कार्रवाई को लेकर अड़ गए। इस पर अध्यक्ष शफीक खान ने भी सहमति जताते हुए कहा कि सभी 48 दुकानदारों पर कार्रवाई की जाए। निर्णय लिया गया है कि सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किया जाएगा।
कराई जाए एफआईआर
आरक्षित वर्ग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व पिछड़ा वर्ग को लीज पर आवंटित नगर पालिका स्वामित्व की दुकानों का सामान्य वर्ग के लोगों के नाम हुए नामांतरण को लेकर भी सम्मिलन में जमकर बहस चली। एजेण्डे में शामिल इस मुद्दे पर चर्चा प्रारंभ होते हुए अजय बाबा पाण्डेय ने ऐसा करने वालों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि जिन प्रभावशाली वर्ग के लोगों ने आरक्षित वर्ग का हक मारा है, उन पर कार्रवाई की जाए। नामांतरण करने वालों पर भी कार्रवाई हो। इस मुद्दे को लेकर जमकर तर्क-वितर्क हुए और सभी ने सख्त कार्रवाई की बात कही। आखिर में ऐसा करने वालों के खिलाफ 15 दिन के भीतर एफआईआर कराने का निर्णय लिया गया।
अध्यक्ष को लेकर आरोप-प्रत्यारोप
कुल 9 एजेण्डे वाले सम्मिलन में मुख्यमंत्री के निर्देश पर जांच समिति गठित कर जांच कराए जाने का मामला भी उठा। बैठक प्रारंभ होते ही राजिक अकील ने आरोप लगाया कि भोपाल, दिल्ली जाकर शिकायत की जा रही है। प्रयास किए जा रहे अध्यक्ष शफीक खान हट जाएं। उन पर आरोप लगाए जा रहे हैं, जबकि वे निष्पक्ष भाव से बिना भेदभाव के काम कर रहे हैं। इस पर नेता प्रतिपक्ष ज्ञानचंद सनोडिया व पार्षद राजेश राजू यादव ने जमकर आपत्ति करते हुए कहा कि नागरिकों ने शिकायत की है। ज्ञानचंद ने कहा कि मेरे वार्ड में क्या काम हुए हैं, बता दें। इस मुद्दे का लेकर काफी देर तक तर्क-वितर्क होते रहे। सम्मिलन में आवारा मेवशियों को लेकर दयोदय गौशाला से अनुबंध करने, बबरिया तालाब से मेडिकल को पानी दिए जाने की दर निर्धारण, गंज क्षेत्र की लीज भूमि का किराया घटाने, जर्जर भवनों को चिंहित करने, रक्षित केन्द्र सिवनी स्थित तालाब के गहरीकरण व सौंदर्यीकरण, पौधरोपण को लेकर भी सर्वसम्मति से निर्णय लिए गए।