नेशनल लोक अदालत: लोक अदालत में 1953 मामलों का निराकरण, 3041 लाभान्वित, 4.75 करोड़ के एवार्ड पारित

  • प्रकरणों के निराकरण हेतु 20 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया
  • मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया
  • महिला ने न्यायालय में भरण-पोषण का वाद प्रस्तुत किया था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-15 18:50 GMT

डिजिटल डेस्क, शहडोल। वर्ष की दूसरी नेशनल लोक अदालत का आयोजन शनिवार को जिला न्यायालय शहडोल एवं सिविल न्यायालय ब्यौहारी, बुढ़ार तथा जयसिंहनगर में किया गया। नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु 20 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था। जिनमें 1953 प्रकरणों का निराकरण हुआ तथा 3041 व्यक्ति लाभांवित हुए। निराकृत प्रकरणों में 1274 प्रीलिटिगेशन जबकि अन्य 679 प्रकरण न्यायालय में लंबित थे। कुल मिलाकर 47585027 रूपये का एवार्ड पारित किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश हितेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया।

लोक अदालत में चेक बाउंस के निराकृत 67 प्रकरण में 14213536 रूपये की राशि के राजीनामा किए गए। न्यायालय में लंबित आपराधिक समझौता योग्य 2713 प्रकरण में 323 का निराकरण राजीनामा के आधार पर हुआ। वैवाहिक के 65 प्रकरण, सिविल, विद्युत आदि अन्य श्रेणी के 820 प्रकरण में 111 प्रकरण निराकृत हुये। न्यायालय में लंबित 679 प्रकरणों में राजीनामा हुआ एवं 47585027 रूपये की राशि एवार्ड एवं राजस्व प्राप्ति के रूप में प्रभावित हुई। प्रीलिटिगेशन स्तर पर बैंक रिकवरी के 116 निराकृत प्रकरण में 6300100 रूपये, बिजली के 776 प्रकरणों में 1021245 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी तरह नगरपालिका के जलकर के 248 प्रकरण में 535744, दूरसंचार, संपत्तिकर एवं अन्य प्रीलिटिगेशन के 134 प्रीलिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण हुआ जिसमें शासन को लगभग 729000 रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

बीस वर्ष से बिछड़े पति-पत्नी हुए एक

लोक अदालत ने 20 वर्षो से पृथक रह रहे दंपत्ति को मिलाने का कार्य किया। वर्ष 2015 में पति से अलग होकर महिला ने न्यायालय में भरण-पोषण का वाद प्रस्तुत किया था। कुटुम्ब न्यायालय की प्रधान न्यायाधीश गीता सोलंकी द्वारा दूरियों को मिटाने का प्रयास किया गया। लोक अदालत में न्यायाधीश गीता सोलंकी, विशेष सत्र न्यायाधीश सुभाष सोलंकी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुदिनी पटेल की उपस्थिति में दोनों ने एक साथ जीवन बिताना तय किया।

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