Seoni News: पार्क से बाहर होगा कर्माझिरी, प्रक्रिया तेज, वित्तीय वर्ष के अंततक हो जाएगा विस्थापन

  • वन्यजीवों को मिलेगा अतिरिक्त क्षेत्र
  • नए गांव जाने को तैयार हैं ग्रामीण
  • परिवार को दी जाएगी 15-15 लाख रुपए की राशि

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-30 04:28 GMT

Seoni News: लगभग दस सालों की कशमकश के बाद अब पेंच नेशनल टाइगर रिजर्व से कर्माझिरी गांव के विस्थापन का रास्ता तय होता नजर आ रहा है। दरअसल ग्रामीणों और प्रशासन के बाद सहमति बनने के बाद जहां ग्रामीणों को सर्वसुविधायुक्त नया गांव मिलेगा वहीं पार्क के वन्यजीवों के साथ इंसानी टकराव को रोकने में भी मदद मिलेगी। २०१४-२०१५ से शुरु हुई कर्माझिरी को विस्थापित किए जाने की कवायद अब खत्म होती नजर आ रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस वित्तीय सत्र के पूर्व नया क र्माझिरी अस्तित्व में आने की संभावना है।

लंबे अर्से से जारी थी प्रक्रिया

दरअसल बफर एरिया में बसा कर्माझिरी गांव जिसमें ४६ परिवार हैं चारों ओर से वन से घिरा हुआ है। यह गांव कोर एरिया से सटा हुआ है। इसके कारण अक्सर यहां पर वन्यजीव और इंसानों के बीच टकराव देखने को मिलता रहा है। ऐसे में प्रशासन और पार्क प्रबंधन बीते दस सालों से गांव को विस्थापित करने के लिए प्रयास करता रहा लेकिन कई बार ग्रामीणों की मांगों और कई बार प्रशासनिक स्तर पर फाइल लटकने के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था लेकिन अब ग्रामीणों और प्रशासन के बीच सहमति बन गई है और गांव के विस्थापन का रास्ता साफ हो गया है।

आदर्श गांव के रूप में होगा नया कर्माझिरी

ग्रामीणों का कहना है कि वे नए गांव में जाने को तैयार हैं। कुरई के जोगीवाड़ा के पास नए कर्माझिरी में जाने को तैयार हैं। पिछले दिनों कलेक्टर ने दलबल के साथ ग्रामीणों से संवाद किया। कलेक्टर संस्कृति जैन एवं डिप्टी डायरेक्टर रजनीश सिंह ने उपस्थित ग्रामीणों को सम्पूर्ण विस्थापन परियोजना की विस्तृत जानकारी दी। कलेक्टर ने गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने का भरोसा दिलाया है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। गांव में पक्की सडक़, बिजली, पानी, स्वास्थ्य केंद्र, आंगनबाड़ी, स्कूल, सिंचाई के लिए तालाब आदि सुविधाओं के लिए काम शुरु हो गया है।

बनाई गई है पात्रता समिति

प्रस्तावित विस्थापन परियोजना में ग्राम में निवासरत 302 व्यक्तियों को समान लाभ सुनिश्चित करने के लिए डिप्टी कलेक्टर पूर्वी तिवारी की अध्यक्षता में पात्रता समिति गठित की गई हैं। समिति में वन, राजस्व, पंचायत, जनजाति कार्य विभाग के अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल किए गए हैं। परिवार को 15-15 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। नए कर्माझिरी के विकास के लिए १६० हेक्टेयर जमीन दी गई है। एक अनुमान के अनुसार लगभग ४० करोड़ रुपए की राशि से विकास कार्य होंगे। समिति शीघ्र अपनी रिपोर्ट कलेक्टर को देगी। जिसके बाद ग्रामीणों के दावे/आपत्ति मंगाए जाएंगे और इसके लिए एक सप्ताह या तय समय दिया जाएगा।

शीघ्र हो जाएगा विस्थापन

अधिकारियों का कहना है कि प्रक्रिया शुरु हो गई है। आगामी छह महीनों में याने वित्तीय वर्ष के समापन के पूर्व विस्थापन पूरा हो जाने की संभावना है। इससे न सिर्फ ग्रामीणों को सुविधाएं मिलेंगी बल्कि वे मुख्यधारा में शामिल हो सकेंगे। विस्थापन के बाद पार्क क्षेत्र के अन्य गांवों के विस्थापन का रास्ता भी साफ हो सकेगा।

पेंच में बढ़ी है बाघों की संख्या

पिछले साल हुई गणना में पार्क में बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है और अब पार्क में 123 बाघ हैं। प्रत्येक बाघ को 2५ वर्ग किमी का क्षेत्र अपनी टैरेटरी के लिए चाहिए होता है। ऐसे में कई बार बाघों का इंसानों और दूसरे बाघों से टकराव हो जाता है। टकराव रोकने के लिए जरूरी है कि पार्क का क्षेत्र बढ़ाया जाए।

एक नजर में पेंच पार्क

कुल क्षेत्रफल ७५८ वर्ग किमी

महाराष्ट्र में हिस्सा २५७ वर्ग किमी

बफर ४६४ वर्ग किमी

पक्षी प्रजातियां ३२५ से अधिक

स्थापना १९९२

पौधों की प्रजातियां १२०० से अधिक

स्तनपाई जीव प्रजाति ८७

उभयचर १३

सरिसृप ३७

मछलियां ५०

तितलियां ४५

घास प्रजातियां ८२

इनका कहना है

कर्माझिरी के विस्थापन की प्रक्रिया में तेजी आई है। ग्रामीण विस्थापन के लिए राजी हो गए हैं। कलेक्टर ने इसके लिए एक समिति भी गठित कर दी है। यदि सबकुछ सामान्य रहा तो आगामी छह महीनों के आसपास विस्थापन संभव होगा।

रजनीश सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, पेंच नेशनल पार्क

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