शाह से मुलाकात: अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से मिले योगी आदित्यनाथ, मंत्री पद की शपथ लेने के लिए दी बधाई
- सीएम योगी ने अमित शाह से की मुलाकात
- मंत्री पद की शपथ के लिए दी बधाई
- गडकरी और राजनाथ सिंह से भी मिले योगी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शपथ ग्रहण के बाद आज सोमवार शाम पीएम मोदी के आवास पर कैबिनेट मीटिंग हो सकती है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में अमित शाह, राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से मुलाकात की है। कैबिनेट बैठक से पहले अमित शाह के साथ यूपी सीएम की मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है। शाह और योगी के 35 मिनट लंबी मुलाकात में लोकसभा चुनाव में यूपी के प्रदर्शन और अगले पार्टी अध्यक्ष को लेकर बातचीत होने की संभावना जताई जा रही है।
लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन काफी चौंकाने वाला रहा। राम मंदिर निर्माण को चुनावी मुद्दा बनाने के बावजूद बीजेपी को प्रदेश में निराशा हाथ लगी। पिछले लोकसभा में 80 में से प्रदेश की 62 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने वाली पार्टी इस बार 33 सीटों पर ही सिमट कर रह गई। राहुल गांधी को 2019 के चुनाव में हराने वाली स्मृति ईरानी को भी कांग्रेस प्रत्याशी किशोरी लाल शर्मा के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है।
शाह से मिले योगी
यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज दिल्ली में अमित शाह सहित भाजपा के अन्य बड़े नेताओं से मुलाकात की है। अमित शाह के बाद योगी आदित्यनाथ आज राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी से भी मुलाकात की है। उन्होंने तीनों नेताओं को कैबिनेट मंत्री पद के शपथ के लिए बधाई दी। सीएम योगी ने इससे जुड़ा कई पोस्ट भी किया है। एक पोस्ट में उन्होंने एक्स पर लिखा, "केंद्रीय मंत्री अमित शाह से आज नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट कर उन्हें बधाई दी। अपना बहुमूल्य समय प्रदान करने हेतु आपका हार्दिक आभार!" उन्होंने राजनाथ सिंह और नितिन गडकरी के लिए भी अपने एक्स हैंडल से समान पोस्ट किया है।
आगे की रणनीति
अगले महीने यूपी भाजपा अध्यक्ष का कार्यकाल खत्म होने वाले है। इस लिहाज से भी शाह और योगी की आज की मीटिंग को अहम माना जा रहा है। नतीजों के बाद शाह और योगी की यह पहली मुलाकात है। यूपी लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारतीय जनता पार्टी नई रणनीति पर काम कर सकती है। अगला विधानसभा चुनाव काफी मजेदार होने वाला है। आम चुनाव की तरह समाजवादी पार्टी (सपा) विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को कड़ी टक्कर दे सकती है। इसी के चलते आने वाले दिनों में भाजपा रणनीति में बदलाव कर सकती है, साथ ही संगठनात्मक स्तर पर भी फेर बदल होने की संभावना जताई जा रही है।