विधानसभा चुनाव 2024: हरियाणा में मुख्यमंत्री का चेहरा कौन? कांग्रेस में 2005 की तर्ज पर हुड्डा का होगा भजनलाल जैसा हाल? अन्य राज्यों की राह पर चलेगी बीजेपी!

  • 2005 में प्रदेश की सियासत में हुआ था कुछ चौंकाने वाला
  • 2005 के विधानसभा चुनाव में भजनलाल के नेतृत्व में लड़ा था चुनाव
  • कांग्रेस हाईकमान ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया था सीएम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-14 12:00 GMT

डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। 90 विधानसभा सीट वाले हरियाणा में सभी राजनैतिक दलों ने चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों राजनैतिक दल बीजेपी और कांग्रेस को भितरघात का डर सता रहा है। वहीं जजपा बसपा गठबंधन कर चुनावी रेस में शामिल है। जबकि आम आदमी पार्टी व इनेलो वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी है।  

चुनावी शोर गुल में सभी राजनैतिक दल अपना अपना दावा ठोक रहे है लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही दलों ने अपने मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर कोई पत्ता नहीं खोला है। जहां एक तरफ आप और भाजपा चेहरे को आगे करके चुनाव लड़ती है, लेकिन इस बार खामोश है। वहीं कांग्रेस ने भी कोई इशारा नहीं किया है। भले ही तमाम इंटरनल सर्वों में कांग्रेस की मजबूत स्थिति की बात कही जा रही है। लेकिन पार्टी एक- एक कदम फूंक- फूंक कर रख रही है।

यहीं वजह है कि कांग्रेस भले ही भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है लेकिन अभी तक सीएम फेस तय नहीं किया। इन सब बातों को लेकर राजनीतिक जानकारों सियासतदानों और कार्यकर्ताओं के बीच ऐसी चर्चाएं चल रही है कि क्या हरियाणा में 'हुड्डा', 2005 की तरह 'भजनलाल' तो नहीं बन जाएंगे। बीजेपी हरियाणा के सह मीडिया प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने शुक्रवार को यह कहते हुए इस बात को तूल दिया। कुमार ने कहा कि राहुल गांधी में हिम्मत है तो वे दीपेंद्र हुड्डा को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करें। कुमार के इस बयान के पीछे दो दशक पुराना रहस्य छिपा हुआ है।

आपको बता दें 2005 की तरह ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लग रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा फिर मुख्यमंत्री बन सकते हैं। ये कितना सच साबित हो सकता है। ये चुनावी नतीजो के बाद ही पता चलेगा। सवाल उठ रहे हैं कि कहीं इस बार भी '2005' वाला दोहराव तो नहीं होगा। या जीत के बाद कहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चौ. भजनलाल की तरह किनारे कर दिए जाएंगा। वैसे भी कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा भी कह चुकी हैं कि प्रदेश में अनुसूचित जाति से कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री क्यों नहीं बन सकता। ये किसी से नहीं छिपा है कि शैलजा, लंबे समय से मुख्यमंत्री पद पर नजर बनाए रखे हुए हैं। वैसे आपको बता दें सियासत में संभव कुछ संभव है।

आपको बता दें हरियाणा में 2005 के विधानसभा चुनाव में चौ. भजनलाल के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। 67 सीट जीतकर कांग्रेस ने बहुमत हासिल किया, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने अचानक भूपेंद्र हुड्डा को मुख्यमंत्री बनाकर सबको चौंका दिया, जबकि चुनाव में जिनका कहीं नाम नहीं था, और उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया गया। तत्कालीन समय में किसी को कोई भी उम्मीद नहीं थी कि कांग्रेस हुड्डा को सीएम बना सकती है, लेकिन ये हुआ। पार्टी के अधिकतर वर्कर्स को यहीं लग रहा था कि चौथी बार भजनलाल ही प्रदेश की कमान संभालेंगे, मगर ऐसा हो ना सका। और चुनाव में सक्रिय न होने बावजूद भी हुड्डा की किस्मत जाग गई। अब ये माना जा रहा है कि क्या कांग्रेस 2005 की परंपरा को फिर से बरकरार रखेगी या परिवर्तन करेगी।

कांग्रेस के साथ यहीं स्थिति बीजेपी की भी , बीजेपी ने पहले पंजाबी समुदाय के मनोहर लाल को सीएम बनाया। उसके बाद नायब सैनी को हरियाणा का मुखिया बना दिया। बिना सीएम के चेहरे के चुनाव में ये ही कहा जा सकता है कि सीएम कोई भी बन सकता है। पार्टी आलाकमान कब किसके ऊपर हाथ रख दें कुछ नहीं कहा जा सकता। मध्यप्रदेश , छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी ऐसा ही हुआ था। 

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