बिहार सियासत: कौन हैं विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी? जिन्हें बीजेपी ने डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया, जानें इसके सियासी मायने

  • बीजेपी के दिग्गज नेताओं के करीबी हैं विजय कुमार सिन्हा
  • पहले आरजेडी में थे सम्राट चौधरी
  • बिहार में एक बार फिर नीतीश कुमार ने थामा बीजेपी का दामन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-28 11:47 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार में बड़ा सियासी उलटफेर हो गया है। नीतीश कुमार एक बार फिर बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाने वाले हैं। रविवार सुबह में नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे। जहां उन्होंने बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को इस्तीफा पत्र सौंप दिया। आज शाम वे एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। बिहार में बहुमत का आंकड़ा 122 है। इस वक्त नीतीश कुमार के पास 128 विधायकों का समर्थन हासिल है। नीतीश कुमार की नई सरकार में बीजेपी की ओर सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा डिप्टी सीएम बनाने वाले हैं। अटकलें थी कि बीजेपी नेता रेणु देवी, तारकिशोर प्रसाद या फिर सुशील मोदी में से किन्हीं दो नेता को डिप्टी सीएम पद सौंपा जा सकता है। हालांकि, पार्टी ने विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाने का फैसला किया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि बीजेपी द्वारा इन दोनों नेताओं को डिप्टी सीएम बनाए जाने के पीछे की बड़ी वजह क्या है? आखिर डिप्टी सीएम की रेस में कहीं भी नहीं दिखाई देने वाले विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी इस पद के लिए कैसे फिट बैठ गए हैं? साथ ही, इसके सियासी मायने क्या है?

कौन हैं विजय कुमार सिन्हा?

बिहार के लखीसराय विधानसभा सीट से विजय सिन्हा साल 2005 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद वे इस सीट से लगातार विधायक बनते रहे हैं। 2010, 2015 और 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने लखीसराय विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव जीता है। साल 2017 में पहली बार वे नीतीश कुमार की सरकार में श्रम संसाधन मंत्री बने। वे भूमिहार समाज के नेता भी हैं। साथ ही, वे बिहार भाजपा के प्रवक्ता भी रहे चुके हैं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें विधानसभा स्पीकर के तौर पर चुन लिया गया। आरएसएस से भी उनका गहरा नाता है। साथ ही, सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के राष्ट्रीय जेपी नड्डा, अमित शाह और गिरिराज सिंह के भी बेहद करीबी माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी के बड़े नेता उनके लिए प्रचार-प्रसार करते हैं। 

कौन हैं सम्राट चौधरी?

साल 2022 में राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी को बीजेपी ने बिहार का प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। सम्राट चौधरी कोइरी समाज के बड़े नेताओं में से एक हैं। वर्तमान में बीजेपी की ओर से एमएलसी भी हैं। वे महज छह साल पहले ही बीजेपी में शामिल हुए हैं। साल 2014 के दौरान सम्राट चौधरी ने आरजेडी के 13 विधायकों को पार्टी से अलग करके आरजेडी को तोड़ने की कोशिश की थी। वे साल 1999 में राबड़ी सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके हैं। साल 1990 में सम्राट चौधरी ने बिहार की राजनीति में खुलकर सक्रिय हुए। साथ ही, वे 2000 और 2010 में परबत्ता विधानसभा सीट से विधायक चुनाव जीते हैं। 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने सम्राट चौधरी को स्टार कैंपेनर के तौर पर नियुक्त किया था।

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