हिमाचल राज्यसभा चुनाव: क्या होता है ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’? जिसकी वजह से हुई अभिषेक मनु सिंघवी की हार, हर्ष महाजन को मिली जीत
- बीजेपी हर्ष महाजन हिमाचल में राज्यसभा चुनाव जीते
- अभिषेक मनु सिंघवी की राज्यसभा चुनाव में हुई हार
- ‘ड्रॉ ऑफ लॉट्स’ मुकाबले में हर्ष महाजन की जीत
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिमाचल में जारी 1 सीट के लिए राज्यसभा चुनाव मुकाबले में बीजेपी प्रत्याशी की जीत हो गई है। बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' प्रक्रिया के तहत चुनाव जीते हैं। कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशी को 34-34 वोट मिल थे। जिसके बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' की प्रक्रिया अपनाई। इस प्रक्रिया के तहत अंत में जीत बीजेपी उम्मीदवार की हुई। वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी की हार हो गई। ऐसे में समझने की कोशिश करते हैं कि 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' की प्रक्रिया क्या होती है। जिसके चलते टाई मुकाबले में उम्मीदवार को जीत मिलती है।
हिमाचल में 1 सीट की राज्यसभा चुनाव में मुकाबला टाई होने के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी मनीष गर्ग ने वोटों की संख्या बराबर होने पर 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' की प्रक्रिया अपनाई। बता दें कि, हिमाचल प्रदेश राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद दोनों प्रत्याशियों को 34-34 वोट पड़े हैं, जिसके चलते 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' की प्रक्रिया अपनाई गई।
क्या होता है 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' ?
मुकाबला बराबर होने के बाद दोनों उम्मीदवारों की सहमति ली गई। जिसके बाद दोनों उम्मीदवारों के नाम की पर्ची डाली गई। जिसमें बीजेपी उम्मीदवार की पर्ची निकली और भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को जीता हुआ मान लिया गया। मनीष गर्ग के मुताबिक चुनावी प्रक्रिया की रूल बुक के मुताबिक बराबर वोट पड़ने पर 'ड्रॉ ऑफ लॉट्स' की प्रक्रिया अपनाई जाती है।
हिमाचल से चौकानें वाला नतीजा सामने आया है। जहां चुनाव से पहले ये माना जा रहा था कि संख्याबल के आधार पर यहां कांग्रेस आसानी से जीत दर्ज कर लेगी। लेकिन, कांग्रेस के विधायकों की क्रॉस वोटिंग के चलते बाजी पलट गई। कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले हैं। जीतने के लिए 68 में से 35 वोटों की जरुरत थी। पूर्व सीएम और बीजेपी के वरिष्ठ नेता जयराम ठाकुर ने भी ऐसा ही दावा किया है। उन्होंने उम्मीदवार हर्ष महाजन को बधाई देते हुए कहा कि यह सुक्खू सरकार की हार है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में हैं। मुकाबला टाई होने पर कहा जा रहा है कि अब इस मुकाबले का निर्णय पर्ची के आधार पर होगा। बता दें कि राज्य की एक सीट पर चुनाव होना था। जिसमें बीजेपी की ओर से हर्ष महाजन और कांग्रेस की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव में खड़े हुए थे।
मौजूदा वक्त में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के कुल 68 में से 40 विधायक कांग्रेस के हैं। जबकि भाजपा के 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं। सूत्रों के अनुसार 6 से 9 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है और कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की बजाय बीजेपी उम्मीदवार हर्ष महाजन को वोट दिया है। ऐसे में अगर तीनों निर्दलीयों समेत या कुल 9 विधायकों ने बगावती तेवर अपनाए हैं तो मुकाबला ड्रॉ हो जाएगा। क्योंकि बीजेपी के 25 विधायकों के वोट और 9 क्रॉस वोट मिलाकर कुल 34 वोट भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन को मिले। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी को भी 34 वोट ही मिले। जबकि हिमाचल में एक राज्यसभा सीट पर चुनाव हो रहा है और जीत के लिए उम्मीदवार के पक्ष में 35 विधायकों के वोट पड़ने चाहिए। ऐसी स्थिति में कांग्रेस और भाजपा विधायकों के पक्ष में 34-34 वोट पड़े और इस प्रकार राज्यसभा का मैच टाई हो गया।