लोकसभा चुनाव 2024: चौथे चरण के साथ मध्यप्रदेश की सभी 29 सीटों पर समाप्त हो जाएगा मतदान, जानिए इन 8 हाईप्रोफाइल सीटों के बारे में
- देश में 13 मई को लोकसभा चुनाव का चौथा चरण
- मध्यप्रदेश की अंतिम 8 लोकसभा सीटों पर मतदान
- जानिए इन लोकसभा सीटों के बारे में
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के सात में से चौथे चरण का मतदान 13 मई को होना है। इसमें 10 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेश की 96 सीटों पर मतदाता 1710 कैंडिडेट्स की तकदीर का फैसला करेंगे। तीन चरणों के मतदान में अब तक 283 सीटों पर वोटिंग पूरी हो चुकी है। इसके साथ ही मध्यप्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से 21 सीटों पर वोट डाले जा चुके हैं। इसके बाद अब चौथे चरण में अंतिम 8 सीटों पर सोमवार को मतदान होने जा रहा है। इसके बाद मध्यप्रदेश की सभी सीटों पर मतदान समाप्त हो जाएगा। चौथे चरण में एमपी की जिन सीटों पर वोटिंग होने वाली है। उनमें देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन और खंडवा लोकसभा सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर बीते कुछ दिनों में राजनीतिक पार्टियों ने जमकर चुनाव प्रचार किया था। आइए जानतें है इन सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के किन प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होने जा रहा है।
चौथे चरण की आठ लोकसभा सीट
रतलाम सीट
चौथे चरण की 8 सीटों में से रतलाम लोकसभा सीट पर भाजपा ने राज्य सरकार में वन मंत्री की पत्नी अनीता सिंह चौहान पर दांव लगाया है। इस बार भाजपा ने इस सीट पर मौजूदा सांसद गुमान सिंह डामोर का टिकट काट दिया है। भाजपा प्रत्याशी के सामने कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और पार्टी के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया पर फिर से भरोसा जताया है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रतलाम सीट से चुनाव लड़ रहे गुमान सिंह डामोर ने कांतिलाल भूरिया 90 लाख वोटों के फासले से हाराया था। हालांकि, भूरिया रतलाम सीट से 5 बार सांसद भी रह चुके हैं।
धार सीट
इस चरण में अगली धार लोकसभा सीट है। इस सीट पर भाजपा ने पूर्व सांसद सावित्री ठाकुर को टिकट दिया है। यहां से कांग्रेस ने राधेश्याम मुवैल को मैदान में उतारा है। इससे पहले के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने चत्तर सिंह दरबार को मौका दिया था। मगर, इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट न सौंपकर सावित्री ठाकुर पर दांव लगाया है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चत्तर सिंह दरबार ने 1.56 लाख वोटों के साथ शानदार जीत हासिल की थी।
खंडवा सीट
राज्य की खंडवा लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा ने मौजूदा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल को मौका दिया है। कांग्रेस ने नरेंद्र पटेल को प्रत्याशी घोषित किया है। इस सीट पर करीब तीन साल पहले सांसद नंद कुमार सिंह चौहान का निधन हो गया था। जिस वजह से उप चुनाव के दौरान भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा था। इसके बाद भाजपा ने विधानसभा चुनाव में खंडवा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली 8 में से 7 पर जीत हासिल की थी। जबकि एक सीट कांग्रेस के खाते में गई थी। इस क्षेत्र में
खरगौन सीट
भाजपा ने खरगौन लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद गजेंद्र पटेल पर दांव लगाया है। इस सीट पर कांग्रेस ने पोरलाल परते को मैदान में उतारा है। पिछले साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने यहां की 8 में से 5 सीटों पर दर्ज की थी। जबकि, भाजपा के पाला में तीन सीटें आई थी। इस लिहाज से देखे तो इस बार कांग्रेस यहां पर लीड ले सकती है।
मंदसौर सीट
राज्य की मंदसौर लोकसभा सीट को दश्कों से भाजपा का गढ़ रह चुकी है। हाालंकि, भाजपा साल 2009 के आम चुनाव में इस सीट पर हारी गई थी। मगर, तब से लेकर अब तक यह सीट भाजपा का अभेद किला रही है। इस हाईप्रोफाइल सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद सुधीर गुप्ता को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ दिलीप सिंह गुर्जर पर दांव लगाया है।
उज्जैन सीट
राज्य की एक और चर्चित उज्जैन लोकसभा सीट पर भाजपा ने मौजूदा सांसद अनिल फिरोजिया पर भरोसा जताया है। उनके सामने कांग्रेस ने महेश परमार को मैदान में उतारा है। इस क्षेत्र से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ताल्लुक रखते है। इस बार भाजपा के टिकट पर चौथी बार फिरोजिया चुनाव लड़ने जा रहे है।
देवास सीट
भाजपा ने देवास लोकसभा सीट पर मौजूदा सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को फिर से कैंडिडेट बनाया है। यहां से कांग्रेस ने राजेंद्र मालवीय को मैदान में उतारा है। वर्तमान में इस संसदीय क्षेत्र की सभी आठ विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है।
इंदौर सीट
इस बार चौथे चरण में शामिल इंदौर लोकसभा सीट काफी सुर्खियों में रही। इसकी वजह कांग्रेस से पाला बदलकर भाजपा में शामिल हुए अक्षय कांति बम रहे हैं। इस सीट पर कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद उन्होंने नामंकन के अंतिम दिन पर दलबदल लिया था। इस सीट पर भाजपा ने मौजूदा सासंद शंकर ललवानी को कैंडिडेट चुना है। जबकि, कांग्रेस में अक्षय काति बम के भाजपा ज्वाइन करने से पार्टी की ओर से प्रत्याशी नहीं बचा है। इस वजह से इंदौर सीट पर मुकाबला एकतरफा हो गया है।