हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: सियासी दंगल लड़ने जा रही विनेश फोगाट को क्यों छोड़नी पड़ी सरकारी नौकरी, इस नियम के चलते लेना पड़ा फैसला
- विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने की राजनीति में एंट्री
- कांग्रेस की टिकट पर लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
- नियम के चलते छोड़ी सरकारी नौकरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पहलवानी के दंगल के बाद अब विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सियासी दंगल में अब दांव अजमाने जा रहे हैं। राहुल गांधी से मुलाकात के दो दिन बाद ही दोनों ने शुक्रवार को कांग्रेस ज्वाइन की। सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि विनेश जुलाना सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। वहीं बजरंग पूनिया किसी भी चुनाव में नहीं उतरेंगे। वह पार्टी उम्मीदवारों के समर्थन में का प्रचार करेंगे।
छोड़ी रेलवे की नौकरी
राजनीति में प्रवेश से पहले विनेश फोगाट ने रेलवे की नौकरी छोड़ दी है। वह रेलवे में ओएसडी पद पर सेवारत थीं। अपनी नौकरी से इस्तीफे के बाद विनेश ने कहा, 'रेलवे की सेवा जीवन का एक यादगार और गौरवपूर्ण समय रहा है। मैं रेलवे परिवार की हमेशा आभारी रहूंगी।'
ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि आखिर विनेश ने नौकरी क्यों छोड़ी? आखिर किस नियम के तहत लोगों को चुनाव लड़ने से पहले अपनी सरकारी नौकरी छोड़नी पड़ती है?
नियम के मुताबिक केंद्र सरकार किसी भी कर्मचारी या फिर अफसर के न केवल चुनाव लड़ने पर बल्कि किसी भी तरह की राजनीतिक गतिविधी में शामिल होने पर तक रोक है। सेंट्रल सिविल सर्विसेस (कंडक्ट) रूल्स, 1964 के तहत केंद्र के कर्मचारी और अफसर चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। इस नियम में ये प्रावधान किए गए हैं -
- कोई भी सिविल सर्वेंट किसी भी राजनीतिक पार्टी या संगठन में शामिल नहीं होगा और न ही राजनीति से जुड़ेगा। इसके साथ ही न ही वो किसी भी तरह से किसी राजनीतिक आंदोलन या गतिविधि का हिस्सा बनेगा।
- सरकारी कर्मचारी की जिम्मेदारी है कि वो अपने परिवार के किसी भी सदस्य को कोई भी राजनीतिक आंदोलन या एक्टिविटी का हिस्सा नहीं बनने देगा। और अगर फिर भी ऐसा होता है तो वो इसकी जानकारी सरकार को देगा।
- सरकारी कर्मचारी किसी भी सियासी व्यक्ति के लिए न तो प्रचार करेगा और न ही अपने प्रभाव का इस्तेमाल करेगा।