लोकसभा चुनाव 2024: वरूण गांधी का टिकट काटने की तैयारी, राहुल गांधी का करीबी पड़ेगा भारी!
- सुर्खियों में पीलीभीत लोकसभा सीट
- मौजूदा सांसद वरुण गांधी का कट सकता है टिकट
- पार्टी विरोधी बयान सबसे बड़ी वजह
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। सभी दल इस महामुकाबले की तैयारियों में लग गए हैं। इस बीच यूपी में वीआईपी सीटों में शुमार पीलीभीत लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट कटने की अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान इस सीट से वरुण की जगह योगी सरकार में किसी मंत्री को इस सीट से उतार सकती है। बता दें कि वरुण गांधी लंबे समय से केंद्र और यूपी सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। जिसके चलते पार्टी आलाकमान उनसे नाराज बताया जा रहा है।
एबीपी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पीलीभीत लोकसभा सीट से बीजेपी वरुण की जगह यूपी के जिन मंत्रियों को मैदान में उतारना चाहती है उनमें सबसे पहले जितिन प्रसाद और संजय गंगवार का नाम है। इसको लेकर अंतिम फैसला बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगा। बता दें कि जितिन प्रसाद यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री थे। उनकी गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती थी। कांग्रेस के ब्राह्मण चेहरों में से एक रहे जितिन प्रसाद ने साल 2021 में कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली और योगी सरकार में मंत्री बनाए हैं।
सरकार विरोधी बयानों से बढ़ी मुश्किलें
बीते कई दिनों से वरुण गांधी ने पार्टी लाइन से हटकर कई ऐसे बयान दिए हैं जिन पर जमकर विवाद हुआ है। उन्होंने अपने बयानों में केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक को निशाने पर लिया। दरअसल, एक दशक पहले तक वरुण को बीजेपी के फायरब्रांड नेताओं में गिना जाता था। यहां तक की उन्हें यूपी में बीजेपी का सीएम चेहरा भी माना जाने लगा था। लेकिन साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत के बाद योगी आदित्यनाथ को सीएम बना दिया गया। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में भी वरुण को केंद्र में कोई मंत्री पद नहीं दिया गया।
कहा जाता है कि पार्टी द्वारा दरकिनार करने से नाराज वरुण ने बीते कुछ सालों से केंद्र और यूपी सरकार पर किसान, बेरोजगारी और महंगाई जैसे कई मुद्दों को लेकर निशाना साधा। उनके इन्हीं बयानों के चलते कयास लगाए जा रहे थे कि 2024 के लोकसभा चुनाव में उनकी टिकट कट सकती है। हालांकि ये सिर्फ कयास हैं असली फैसला तो बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति ही लेगी।