सियासी उठापठक: फ्लोर टेस्ट से पहले बिहार कांग्रेस में उठापटक शुरू, बीजेपी के डर से 17 विधायकों को भेजा हैदराबाद

  • बिहार में 12 फरवरी को होने है फ्लोर टेस्ट
  • कांग्रेस को लगा इस बात का डर
  • कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने दिया बयान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-05 14:49 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल ही में बिहार की सियासत में हुई उलटफेर के चलते सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू ने एनडीए के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी। इस दौरान नीतीश कुमार ने महागठबंधन सरकार से अंदरूनी विवाद के चलते नाता तोड़ दिया था। वहीं, बिहार में 12 फरवरी को नवगठित सरकार का फ्लोर टेस्ट भी होने वाला है। लेकिन, इस बीच राज्य से कांग्रेस ने अपनी पार्टी के 19 में से 17 विधायकों  की बाड़ाबंदी कर दी गई है। और, उनको हैदराबाद के लिए रवाना कर दिया है। दरअसल, कांग्रेस के रणनीतिकारों का ऐसा विचार है कि नई नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट में समर्थन पाने के लिहाज से पार्टी के विधायकों को तोड़ने या प्रलोभन देने की कोशिश की जा सकती है। ताकि बिहार कांग्रेस में दरार आ जाए। यही कारण है कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को हैदराबाद पहुंचा दिया है। गौरतलब है कि, झारखंड में सियासी उथल पुथल के चलते सभी विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट कर दिया गया था। जिससे रांची में होने वाले फ्लोर टेस्ट से उन्हें बचाया जा सके।

फ्लोर टेस्ट को लेकर अखिलेश ने कही ये बात

इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने इस बारे में चर्चा की थी। उन्होंने बताया था, "हमें सावधान रहना होगा, यदि हम नीतीश कुमार सरकार को फ्लोर टेस्ट में रोकना चाहते हैं। उनके विधायकों के बीच बहुत गुस्सा है। लेकिन वह किसी भी कीमत पर बहुमत साबित करना चाहते हैं। आपने झारखंड में देखा ही होगा कि सीएम की शपथ के बाद भी विपक्ष के सारे विधायक एक साथ रहे। इसलिए हम भी पूरी सावधानी रख रहे हैं। भाजपा जिस तरह से काम करती हैं, उसे देखते हुए हमें सावधान रहना ही होगा।"

नीतीश कुमार पर साधा निशाना

बातचीत के दौरान जब कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल पूछा गया कि ऐसी स्थिति में यह मैसेज जाएगा कि क्या कांग्रेस अपने ही विधायकों पर भरोसा नहीं कर पा रही हैं। तब उन्होंने इसका जवाब देते हुए कहा कि हमें अपने विधायकों पर पूरा विश्वास है, मगर भाजपा पर हम भरोसा नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि हमारे विधायकों ने फ्लोर टेस्ट के वक्त साथ रहने की बात कही थी। इसके अलावा उन्होंने बिहार के सीएम को लेकर भी यह कहा था कि सीएम नीतीश महागठबंधन से एनडीएम में शामिल हो गए हैं। ऐसे में हमें सीट बंटवारे के बारे में फिर से सोचना होगा। जिससे नुकसान की कोई संभावना भी नहीं रहेगी। इसके अलावा अखिलेश प्रसाद ने नीतीश पर तंज कसते हुए भी कहा कि वह अब कमजोर हो चुके हैं। जिसके चलते उन्होंने 12 फरवरी तक अपनी सरकार के फ्लोर टेस्ट को टाल दिया है। वहीं, दूसरी ओर उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी को साधने की ओर भी इशारा किया। 

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