सदन सुरक्षा चूक मामला: जब तक गृह मंत्री शाह बयान नहीं देते तब तक सदन चलने की संभावना कम: जयराम रमेश

Bhaskar Hindi
Update: 2023-12-14 13:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस ने संसद की सुरक्षा में सेंध के बारे में अपनी मांग उठाने वाले विपक्षी सांसदों के निलंबन को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए गुरुवार को कहा कि जब तक गृह मंत्री अमित शाह सदन में बयान नहीं देते सदन चलने की संभावना कम है।

शीतकालीन सत्र के शेष समय के लिए 15 विपक्षी सांसदों - 14 लोकसभा से और एक राज्यसभा से - के निलंबन के बाद संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "हमारी सिर्फ एक मांग थी कि गृह मंत्री सदन में आएं और (लोकसभा सुरक्षा उल्लंघन पर) बयान दें।''

रमेश ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हमने पूरी कोशिश की कि विपक्ष के नेता को सदन में बोलने का मौका मिले, लेकिन 'तानाशाही सरकार' को यह स्वीकार्य नहीं है। कांग्रेस के राज्य सभा सांसद ने कहा, "यह एक बहुत ही गंभीर मामला है और इसकी जांच चल रही है। हम गृह मंत्री से एक बयान चाहते थे। जब तक वह सदन में नहीं आते और ऐसा नहीं करते, सदन के चलने की संभावना बहुत कम है।"

कांग्रेस नेता ने कहा, ''हम रचनात्मक बहस चाहते थे। हम चर्चा चाहते हैं लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि यह (सुरक्षा उल्लंघन) कैसे और क्यों हुआ, सुरक्षा का उल्लंघन कैसे हुआ और पूरे देश ने इसे देखा? प्रधानमंत्री और गृह मंत्री चुप हैं। उन्हें दोनों सदनों में आना चाहिए और बयान देना चाहिए। उसके बाद सदन चलेगा।''

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ''मुझे संदेश भेजकर पूछा गया है कि आपकी मांग क्या है। हमारी मांग भी वही है कि कम से कम गृह मंत्री सदन में आएं और बयान दें। अगर हम (विपक्ष) को दो-चार सवाल पूछने का मौका दिया जाए, हम ऐसा करेंगे।"

उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए सांसद बाहर से आते हैं। उन्होंने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा, "हर दिन हम सदन में भाग लेते हैं और अपने विचार रखते हैं। हमने सदन की कार्यवाही को एक दिन के लिए भी बाधित नहीं किया। हम ऐसा क्यों करेंगे, यह हमारा सदन है। हमने कल (बुधवार को) जो देखा, हमने सुरक्षा उल्लंघन देखा जब लोग भाजपा सांसद द्वारा जारी पास पर बाहर से आए थे। उनके कूदने के बावजूद हमारे सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया। सदन भाजपा का पार्टी कार्यालय नहीं है। सदन हम सभी का है।'

"ये लोग (भाजपा) जो चाहते हैं वह कर रहे हैं। क्या हमें कोई मांग करने का अधिकार नहीं है? हमारी मांगों को स्वीकार करना आपके ऊपर है। जब हम मांग करते हैं, तो हमें माइक नहीं दिया जाता है, और तब हम अपनी आवाज ऊँची करते हैं और तख्तियां भी दिखाते हैं।"

कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी बेनी बेहानन, वी.के. श्रीकंदन, मोहम्मद जावेद, पी.आर. नटराजन, कनिमोझी करुणानिधि, के. सुब्रमण्यम, एस.आर. पार्थिबन, एस. वेंकटेशन और मनिकम टैगोर सहित विपक्षी सांसदों को अनियंत्रित आचरण के आरोप में शेष सत्र के लिए लोकसभा से निलंबित किए जाने के बाद आई।"

इससे पहले आज पांच कांग्रेस सांसदों - जोथिमनी, हिबी ईडन, टीएन प्रतापन, कुमारी राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को भी शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था। अपने निलंबन के बाद विपक्षी सांसद सदन के अंदर धरने पर बैठ गए।

 (आईएएनएस)

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