लोकसभा चुनाव: एक तीर से दो निशाना, चाचा को लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर! चिराग की पार्टी ने पशुपति पारस पर जमकर बोला हमला

  • चाचा भतीजे में हाजीपुर सीट को लेकर ठनी
  • चिराग की पार्टी का पशुपति पारस को ऑफर!
  • चुनाव लड़ने के ऑफर के साथ बयानबाजी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-16 06:16 GMT

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग फॉर्मूला पर चिराग पासवान और चाचा पशुपति पारस के बीच एक बार फिर ठन गई है। चिराग पासवान को हाजीपुर सहित चार अन्य सीट दिए जाने की खबरों से नाराज पशुपति पारस ने पिछले दिनों अपनी मांग से पीछे नहीं हटने का ऐलान किया था। राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी अध्यक्ष भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से हाजीपुर सहित 5 सांसदों पर विचार करने का आग्रह किया था। साथ ही उचित सम्मान नहीं मिलने पर गठबंधन से बाहर जाने की भी चेतावनी दी थी। अब चिराग पासवान की पार्टी की तरफ से सनसनीखेज बयान सामने आया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नेता विनीत सिंह ने पशुपति पारस को एक तरफ लोकसभा चुनाव लड़ने का ऑफर दिया तो दूसरी तरफ खुलेआम हमला भी बोला।

दरअसल चाचा-भतीजे की बीच हाजीपुर सीट फांस बन गई है। दोनों नेता हाजीपुर सीट पर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान का क्षेत्र होने के कारण दावा ठोक रही है तो पशुपति पारस का कहना है कि भाई ने खुद उन्हें हाजीपुर सीट दी है। इस बीच चिराग को भाजपा की तरफ से हाजीपुर सीट दिए जाने की खबर ने पशुपति पारस को नाराज कर दिया है। पशुपति पारस ने सीधे तौर पर हर हाल में हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है।

'500 वोट नहीं है...'

पशुपति पारस के हर हाल में हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने के बयान पर चिराग की पार्टी की प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी नेता विनीत सिंह ने कहा, "कहते हैं कि हम तीन सीट पर अकेले चुनाव लड़ेंगे। भाई स्वागत है आपका। जिसके पास 500 वोट नहीं है, जिसने अनुकंपा पर मंत्री बनकर ढाई साल-तीन साल मलाई खाई है, जिसने परिवार और पार्टी को तोड़ा है, उसका स्वागत है। जो भी आपने भ्रम की स्थिति पाल रखी है वह भी खत्म हो जाएगा। एक जगह से भी जमानत नहीं बचेगी।"

चिराग पासवान को 5 सीट दिए जाने की खबर है हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इन 5 सीट में हाजीपुर लोकसभा सीट भी शामिल होने की बात कही जा रही है। वहीं पशुपति पारस इस सीट को छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने किसी भी स्थिति में इस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि पशुपति पारस एनडीए छोड़ महागठबंधन में शामिल होते हैं या भाजपा उन्हें मनाने में कामयाब होती है।

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