लोकसभा चुनाव 2024: सीएए के तहत नागरिकता पाने के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन, गृह मंत्रालय ने बनाया वेब पोर्टल
- आम चुनाव से पहले बीजेपी का सीएए वाला दांव
- सीएए का नोटिफिकेशन जारी
- तीन देशों से आए अल्पसंख्यकों को भारत में मिलेगी नागरिकता
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सीएए का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब गृह मंत्रालय आज नागरिकता(संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA-2019) के तहत नियमों को अधिसूचित करेगा। नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 कहे जाने वाले ये नियम CAA-2019 के तहत पात्र व्यक्तियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाएंगे। आवेदन पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में जमा किए जाएंगे जिसके लिए एक वेब पोर्टल प्रदान किया गया है।
कैसे करना होगा?
गृह मंत्रालय की ओर से जारी होने वाली सीएए पोर्टल पर तीन देशों से आए अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता के लिए ऑनलाइन अप्लाई करना होगा। इसके लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद डॉक्यूमेंट को सब्मिट करना होगा। फिर रजिस्ट्रेशन के बाद सरकारी जांच पड़ताल होगी। अगर आपके सारे दस्तावेज सही पाए जाते हैं, तो आपको भारत की नागरिकत मिल जाएगी।
आपको बता दें केंद्र सरकार ने सोमवार को CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। राजधानी दिल्ली में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बता दें कि, करीब पांच साल पहले ही CAA संसद से पारित हो चुका है। सरकार की कोशिश थी कि लोकसभा चुनाव से पहले ही देश में इस कानून को पूरी तरह से लागू कर दिया जाए। जिसके संकेत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी दे चुके थे। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने मैनिफेस्टो में CAA को लागू करने की बात कही थी। जिसे अब बीजेपी सरकार ने पूरा कर दिया है।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून (CAA)?
नागरिकता कानून साल 1955 में आया था। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 वर्ष भारत में रहना होगा। संशोधित विधेयक में पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल रहेगी।
गौरतलब है कि संशोधित नागरिकता अधिनियम-2019 (CAA) को लेकर लंबे समय से राजनीति जारी है। 2019 में यह सदन से पारित हुआ था। जिसे राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल चुकी है। अब इस कानून को देश में लागू कर दिया गया है। बता दें कि, नरेंद्र मोदी की सरकार ने 31 दिसंबर 2014 को या इससे पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध,पारसी और ईसाई समुदाय) को भारतीय नागरिकता देने का प्रवाधन किया है। इसके अलावा नागरिकता देने का अधिकार केंद्र सरकार के हाथों में होगा। हाल ही में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा था कि अगर उनकी (कांग्रेस) सरकार आई तो वह CAA को रद्द कर देगी। उन्होंने कहा कि असम में बाहर से आए नागरिकों के लिए वैध तरीके से निवास की अंतिम तारीख 1971 है, लेकिन CAA लागू हुआ तो वह उसे हटाकर अंतिम तारीख 2014 कर देगी। कांग्रेस नेता का कहना है कि बांग्लादेश से असम में अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए अंतिम तारीख 25 मार्च, 1971 रखना चाहिए।
केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) की अधिसूचना जारी करने पर शिवसेना(UBT) सांसद संजय राउत ने कहा, " ये भाजपा का आखिरी खेल चल रहा है। चलने दो, लागू होने दो, वे लोग ये खेल करते रहते हैं, जब तक चुनाव है तब तक वे CAA-CAA खेलेंगे, खेलने दो।