लोकसभा सत्र: बीजेपी के 400 पार नारे पर TMC सांसद ने तंज कसा, कित...कित...कित की आवाज से गूंजा सदन

  • बीजेपी '400 पार' वाले नारे पर घिरी
  • कित...कित...कित की आवाज से गूंजा सदन
  • टीएमसी सांसद ने खींचा सदन का ध्यान

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-02 12:25 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी मंगलवार को सदन में अलग ही अंदाज में नजर आए। उन्होंने अपने इस अंदाज से सदन में बैठे नेताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा। तृणमूल कांग्रेस के सांसद मजाकिया अंदाज में बीजेपी के '400 पार' वाले नारे पर निशाना साधा। दरअसल, भाजपा ने लोकसभा के चुनाव के दौरान 'अबकी बार 400 पार' का नारा दिया था। लेकिन बीजेपी बहुमत के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाई। साथ ही, बीजेपी 240 सीटों पर ही रूक गई।  बीजेपी के इसी नारे पर कल्याण बनर्जी तंज कसते हुए कित...कित...कित..कित के नारे लगाने लगे। जैसे ही लोकसभा में कित...कित की आवाज गूंजी और वहां, बैठे दूसरे सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई सांसद जोर-जोर से हंसने लगे।

क्यों लोकप्रियता कम हो गई प्रधानमंत्री की?

तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अहंकार, नफरत और बदले की भावना ने उनकी लोकप्रियता को खराब किया है। उन्होंने यह भी कहा कि, ''हमने पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री से विपक्ष के लिए कभी कोई नाम्रतापूर्ण या मीठे शब्द नहीं सुने। विपक्ष के प्रति उनका रवैया इतना द्वेषपूर्ण क्यों है? प्रधानमंत्री के मुंह से कभी भी गैर-भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तारीफ नहीं सुनने को मिली। हमारा अनुरोध है कि पीएम विपक्ष की तरफ थोड़े विनम्र हो जाएं। समय आ गया है कि सत्तापक्ष आत्मनिरिक्षण करें। इस अहंकार, नफरत और बदले की भावना ने मोदी की लोकप्रियता को कम कर दिया है। उन्होंने (पीएम मोदी) विभिन्न क्षेत्रों में जनता से किए गए अपने वादे पूरे नहीं किए हैं।''

करीब 48 प्रतिशत वोट एनडीए ने लाए

तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने दावा किया है कि इस चुनाव में सत्तापक्ष एनडीए को करीब 48 प्रतिशत वोट मिले हैं। वहीं, पूरे विपक्षी गठबंधन इंडिया को 51 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले हैं। सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, ''आज देश में अस्थिरता हैं और लेकिन मजबूत विपक्ष है। सत्तापक्ष को हर दिन, हर पल याद रखना होगा कि हम अस्थिर हैं। इंडिया गठबंधन ज्यादा मजबूत है। हम सब संसद में भी अब जोरदार तरीके से बोलेंगे और संसद के बाहर भी राजनीतिक लड़ाई लड़ेंगे। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव होने दीजिए। डेढ़ वर्ष बाद यह सरकार नहीं रहेगी। आपातकाल की अवधि को छोड़ दें तो मौजूदा प्रधानमंत्री के अलावा किसी अन्य प्रधानमंत्री ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग इस तरह से नहीं किया।'' 

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