बृजभूषण शरण सिंह पर भड़की टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा, प्रधानमंत्री से पूछा सवाल- 'चेहरा देख पहलवानों पर क्या बीतती होगी'
- बृजभूषण शरण सिंह पर बरसी महुआ
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी पूछे सवाल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भाजपा सांसद और पूर्व भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को कल (20 जुलाई) दिल्ली के एक अदालत ने जमानत दे दी थी, यह जमानत उन्हें पहलवानों से अभद्र व्यवहार और छेड़छाड़ के मामले में मिली। कोर्ट से राहत मिलने के बाद सिंह सीधे संसद भवन पहुंचे। जिस पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने सवाल खड़े किए हैं। मोइत्रा ने सिंह का एक फोटो ट्विटर पर शेयर कर पीएम मोदी से भी सवाल पूछा है।
महुआ ने ट्वीट में लिखा है कि, बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कल कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सदन पहुंचे और चेहरे पर इस तरह खुशी थी कि जैसे विजयी हो कर लौटे हैं। दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए टीएमसी सांसद ने कहा कि, सांसद की जमानत का पुलिस ने विरोध करना भी उचित नहीं समझा। जिन पहलवानों ने अपने साथ दुर्व्यवहार झेला है उन पहलवानों पर ये तस्वीर देख क्या बीतती होगी।
महुआ यहीं नहीं रुकी उन्होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि, मौन गुरु माननीय प्रधान मंत्री, कृपया अपनी अंतरात्मा से पूछें कि पहलवानों को ऐसी छवि देखकर कैसा महसूस होता होगा।
25 हजार रुपये मुचलके साथ जमानत मिली
दिल्ली की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले में कल सुनवाई की। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण शरण सिंह को दिल्ली की राउत एवेन्यू कोर्ट ने 25 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी। जमानत देते हुए कोर्ट ने सिंह को निर्देश दिया कि अगर वो कहीं बाहर जाते हैं तो उन्हें अदालत को सूचित करना होगा।
पहलवानों के वकील ने किया था विरोध
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश हुए सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि, आरोपी पर कानून के मुताबिक मुकदमा चलाया जाए। साथ ही अगर कोर्ट को लगता है कि इन्हें राहत दी जानी चाहिए तो यह करने से पहले कड़ी शर्तें लगाई जाएं। जबकि पहलवानों की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि, आरोपी बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति है इसलिए राहत नहीं देनी चाहिए। इस पर बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने अदालत में कहा कि, मेरे मुवक्विल द्वारा आरोप लगाने वाले, उनके खिलाफ गवाह देने वाले किसी से अब तक संपर्क नहीं साधा गया है और मैं कोर्ट को भरोसा दिलाता हूं कि आगे भी गवाहों से संपर्क नहीं किया जाएगा इसलिए कोर्ट को जमानत दे देनी चाहिए।