UAPA कानून पर बवाल: 'इस कानून ने जेल में बंद कई जिंदगियों को किया तबाह', 14 साल पुराने हेट स्पीच मामले में ओवैसी का भाजपा- कांग्रेस पर हमला

  • UAPA कानून को लेकर राजनीतिक गलियारों में मचा बवाल
  • असदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा और कांग्रेस पर बोला हमला
  • कानून को सख्त बनाने का लगाया आरोप

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-15 13:35 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सुप्रिमो और हैदराबाद सांसद ने 14 साल पुराने हेट स्पीच मामले में यूएपीए कानून को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। दरअसल, इस मामले में कोर्ट ने दोषी अरुंधति रॉय और कश्मीर के पूर्व प्रोफेसर शौकत हुसैन पर यूएपीए कानून के तहत मुकदमा चलाने की मंजूदी दी है। इसके बाद असुद्दीन ने इस कानून को लेकर आपत्ति जाहिर की है।

यूएपीए कानून पर उठाए सवाल

इस कानून को लेकर एआईएमआईएम चीफ ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने ऑफिशियल अकाउंट से पोस्ट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा, "यूएपीए का कानून आज फिर से चर्चा में है। यह एक इंतिहाई बेरहम कानून है, जिसकी वजह से न-जाने कितने हजार मुसलमान, दलित और आदिवासी नौजवानों को जेल में बंद करके उनकी जिंदगियां बर्बाद कर दी गई। यह कानून एक 85 वर्षीय स्टैन स्वामी की मौत का कारण बना।"

ओवैसी ने कांग्रेस पर साधा निशाना

ओवैसी ने कानून को लेकर कांग्रेस की भी आलोचना की। उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा, "इस कानून को कांग्रेस सरकार ने 2008 और 2012 में और भी सख्त बनाया था, मैंने तब भी उसकी मुखालिफत की थी। 2019 में बीजेपी ने फिर से इस पर ज्यादा सख्त प्रावधान/दफ आत लाए थे, तब कांग्रेस ने बीजेपी का साथ दिया था। मैंने तब भी इस कानून का विरोध किया था। अगर, मोदी 3.0 से ये उम्मीद थी कि वो चुनाव के नतीजों से कुछ सीखेंगे, तो इन्होंने इस उम्मीद पर पानी फेर दिया। ज़ुल्म और ज्यादतियों का ये सिलसिला जारी रहेगा।"

साल 2010 का है मामला

यह मामला साल 2010 अक्टूबर में दिल्ली के कॉपरनिकस मार्ग स्थित एलटीजी ऑडिटोरियम का है। जहां पर एक कॉन्फ्रेंस के दौरान लेखिका अरुंधति रॉय और प्रोफेसर शौकत हुसैन पर हेट स्पीच देने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद सोशल मीडिया एक्टिविस्ट सुशील पंडित ने दोनों पर एफआईआर दर्ज करवाई थी।

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