लोकसभा चुनाव 2024: सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर मीटिंग खत्म, कांग्रेस ने अपने बड़े नेताओं के लिए मांगी पूर्वांचल की इतनी सीटें
- सपा और कांग्रेस के बीच बनी बात!
- सीट शेयरिंग को लेकर हुई बैठक
- कांग्रेस ने मांगी पूर्वांचल की आधा दर्जन सीटें
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। लोकसभा चुनाव होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। ऐसे में सत्ता पक्ष से लेकर विपक्षी दलों ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। इसी को लेकर बुधवार को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अहम बैठक हुई। मुकुल वासनिक के आवास पर हुई इस बैठक में दोनों दलों के कई नेताओं ने भाग लिया। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में कांग्रेस पार्टी ने अपने कई दिग्गज नेताओं के लिए पूर्वांचल की करीब 6 सीटें मांगी हैं।
जानकारी के मुताबिक जैसा कि पहले उम्मीद लगाई जा रही थी कि कांग्रेस पार्टी सपा द्वारा मीटिंग से पहले ही अपने 16 उम्मीदवार घोषित करने पर बैठक में नाराजगी जाहिर करेगी। पर कांग्रेस ने ऐसा करने के बजाए सीटों के समन्वय पर अधिक फोकस किया। हालांकि, सपा द्वारा जारी 16 उम्मीदवारों में से फर्रुखाबाद और खीरी दो ऐसी लोकसभा सीट हैं जहां कांग्रेस ने भी अपने दो नेताओं की दावेदारी रखी है। ये दोनों नेता हैं सलमान खुर्शीद और रवि वर्मा। ऐसे में अब कहा जा रहा है कि सपा द्वारा जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में कुछ बड़े फेरबदल हो सकते हैं।
सपा ने जारी की थी 16 उम्मीदवारों की सूची
बता दें कि एक दिन पहले यानी मंगलवार को ही सपा ने अपने 16 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी। जिसमें 11 पिछड़ा वर्ग, 1 मुस्लिम, 1 दलित, 1 ठाकुर, 1 टंडन और 1 खत्री उम्मीदवार सम्मिलित हैं। वहीं बात करें 11 ओबीसी उम्मीदवारों की तो इनमें 4 कुर्मी, 3 यादव, 2 शाक्य, 1 निषाद और 1 पाल समुदाय के हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एटा और फर्रूखाबाद लोकसभा सीट से पहली बार यादव की जगह शाक्य बिरादरी के नेताओं को टिकट दिया गया है। वहीं अयोध्या लोकसभा सीट जो कि सामान्य सीट है उस पर एक दलित समुदाय के पासी उम्मीदवार को टिकट दिया है।
बता दें कि कुछ दिनों पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी की 80 सीटों में से कांग्रेस को 11 सीटें ऑफर की थीं। इसके कुछ दिनों बाद इंडिया ब्लॉक के तहत सपा और रालोद के बीच गठबंधन हुआ था। जिसके अंतर्गत अखिलेश यादव ने रालोद को 7 सीटें देने का ऐलान किया था। हालांकि सपा के इस सीट शेयरिंग पर कांग्रेस ने नाराजगी जाहिर की थी। जिसके बाद यूपी में गठबंधन को लेकर सस्पेंस बन गया था।