उत्तर प्रदेश सियासत: बीजेपी और आरएसएस के बीच होने वाली बैठक टली, जल्द होगी नई तारीखों का ऐलान

  • बीजेपी और आरएसएस के बीच होने वाली बैठक टली
  • जल्द होगी नई तारीखों का ऐलान
  • यूपी में हारी हुई सीटों को लेकर होगी मंथन

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-19 16:16 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में बीजेपी और आरएसएस के नेताओं के बीच होने बैठक होने वाली थी। जिसे अब टाल दिया गया है। बता दें कि, ये बैठक शनिवार (20 जुलाई) और रविवार (21 जुलाई) को होने वाली थी। लेकिन अब इस शेड्यूल को रद्द कर दिया गया है। इस मीटिंग में आरएसएस के सह सरकार्यवाहक अरुण कुमार के साथ होनी थी। अब जल्द बैठक का नया शेड्यूल तय किया जाएगा। बता दें कि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ केवल तय कार्यक्रमों में जाएंगे। 

बैठक में यूपी सरकार और संगठन से जुड़े पांच प्रमुख चेहरों को शामिल किया जाएगा। बैठक लखनऊ में होने वाली है। जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक, यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल शामिल होने वाले थे। बताया जा रहा है कि बैठक का मुख्य उद्देश्य लोकसभा चुनाव के दौरान यूपी में बड़ी हार का मंथन करना है। 

बीजेपी की बड़ी हार पर मंथन

बीजेपी इस बैठक के जरिए यूपी में हारी हुई सीटों को लेकर मंथन करना चाह रही है। बीजेपी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में केवल 33 सीटें जीती है। वहीं, बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में 62 सीटें जीती थीं। हालांकि, इस बीजेपी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर नहीं उभरी है। बल्कि, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने इस बार के लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का राज्य में नेतृत्व किया है। पार्टी ने अपने दम पर राज्य में 37 सीटें जीती है। ऐसे में यह बैठक लोकसभा चुनाव में बड़ी हार को लेकर मंथन करना है।

लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा था। इसके बाद से ही राज्य की सत्ता की बागडोर डगमगा रही है। जिसके चलते नेताओं के बीच नोकझोंक देखने को मिल रही है। जिस पर विपक्ष तंज करने से पीछे नहीं हट रहा है। इस कड़ी में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भाजपा पर निशाना साध रहे हैं।

अखिलेश यादव ने एक्स पर किया था ट्वीट

यूपी में भाजपा की अंदरूनी फूट की अटकलों पर अखिलेश यादव ने एक्स पर ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, "मानसून पेशकश है-100 लाओ और सरकार बनाओ।" सपा सुप्रीमो के इस पोस्ट को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की तरफ इशारा किया जा रहा है। जिसका मतलब यह है कि यदि मौर्या 100 नेताओं का समर्थन प्राप्त कर लेते हैं, तो सपा की ओर से उन्हें मुख्यमंत्री पद का समर्थन मिल सकता है।

इसके अलावा अखिलेश यादव ने यह भी कहा था, "बीजेपी की कुर्सी की लड़ाई की गर्मी में उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन ठंडे बस्ते में चला गया है। तोड़फोड़ की राजनीति का जो काम बीजेपी दूसरे दलों में करती थी, अब वही काम वो अपने दल के अंदर कर रही है, इसीलिए बीजेपी अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है।"

अखिलेश के बयान पर मौर्य का पलटवार

अखिलेश के इस बयान पर केशव प्रसाद मौर्य ने पलटवार किया था। उन्होंने सपा सुप्रीमो पर तंज कसते हुए कहा था कि उन्हें सपा बहादुर के नाम से बुलाया गया था। मौर्य ने कहा था कि केंद्र से लेकर यूपी तक भाजपा मजबूत सरकार है। यूपी में साल 2017 की तर्ज पर हम साल 2027 में भी सरकार बनाने वाले है।

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