ब्रह्माण बनाम राजपूत: बिहार की सियासत में गहराया ब्राह्मण बनाम राजपूत का मुद्दा, मनोज झा के बयान से मिला है सियासी तूल, बीजेपी और जदयू के मिले सुर
- बिहार की सियासत में गहराया ब्राह्मण बनाम राजपूत का मुद्दा
- मनोज झा के बयान से मिला है सियासी तूल
- बीजेपी और जदयू के मिले सुर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार की सियासत में ठाकुर बनाम ब्राह्मण नेताओं के बीच सियासी घमासान शुरू हो गया है। हाल ही में आरजेडी सांसद मनोज झा ने विशेष सत्र के दौरान राज्यसभा में ठाकुरों को लेकर कविता पढ़ी थीं। जिसके बाद उनकी पार्टी के नेता उनके खिलाफ हो गए हैं। अब मनोज झा के बयान पर राजपूत समाज के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि अगर वे ठाकुरों पर टिप्पणी के दौरान राज्यसभा में मौजूद होते तो वे मनोज झा की जीभ खींच लेते। आनंद मोहन ने कहा कि ठाकुर हर जगह मौजूद हैं, उन्हें कहां-कहां मारेंगे?
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल, राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान आरजेडी सांसद मनोज झा ने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता को सुनाते हुए ठाकुरों का जिक्र किया था और अंदर के ठाकुर को मारने की बात की थी। हालांकि, उन्होंने भाषण के दौरान यह साफ कर दिया था कि उनका इशारा किसी जाति विशेष के लिए नहीं है। लेकिन इसके बाद लालू प्रसाद यादव की पार्टी में मौजूद ठाकुर और ब्राह्मण नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
राजद के समर्थन के बाद मचा बवाल
राजद ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से सदन में मनोज झा के भाषण को ट्वीट कर दमदार, शानदार और जानदार बताया। इसके बाद मामले को और ज्यादा तूल मिलने लगी है और बीजेपी और जदयू नेताओं के भी 'राजपूत सम्मान' को लेकर सुर मिलने लगे हैं। गौरतलब है कि मनोज झा के जिस भाषण पर आरजेडी के एमएलए और आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने सवाल उठाया था, उसी भाषण को आरजेडी ने दमदार, शानदार और बेहतर करार दिया है।
आनंद मोहन ने दिया करारा जवाब
सबसे पहले आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने मनोज झा के कथित भाषण के खिलाफ मोर्चा खोला और अब उनके पिता भी इस मैदान में कूद गए हैं। आनंद मोहन ने मीडिया से कहा कि हम ठाकुरों का अपमान नहीं सहेंगे। हम जिंदा कौम के लोग हैं। जब सदन में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही थी, तब मनोज झा ने ठाकुरों पर टिप्पणी क्यों की? आनंद मोहन ने आगे कहा कि अगर वे समाजवादी हैं तो सबसे पहले अपना सरनेम छोड़े? वो ठाकुरों को मारने की बात कर रहे हैं लेकिन हम कहते हैं वे पहले अपने अंदर के ब्राह्मण को मारे।
आनंद मोहन ने रामायण और महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि ठाकुरों को कहां-कहां से मारोगे। रामायण, महाभारत और गीता में ठाकुर हैं। जितने भी कथावाचक हैं जो लाखों-करोड़ों रुपए दान लेते हैं, वो इसी ठाकुर को जप के पेट पालते हैं।
राजद विधायक ने ठाकुरों का रखा पक्ष
इससे पहले आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने मनोज झा की ठाकुरों पर कविता पढ़ने को समाजवाद का दोगलापन करार दिया। राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा, "ठाकुर समाज सभी को एक साथ लेकर चलते हैं और समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन है। ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।'' उन्होंने आगे कहा कि वे अपनी बात लालू यादव और तेजस्वी यादव तक पहुंचाएंगे।
बीजेपी ने राजद नेता का किया समर्थन
इधर, बीजेपी भी मनोज झा द्वारा दिए गए कथित बयान पर टिप्पणी करने से पीछे नहीं हट रही है। बिहार बीजेपी से राजपूत समाज के नेता और विधायक नीरज कुमार बबलू ने कहा कि मनोज झा अगर उनके सामने ऐसा बयान देते तो वे पटककर उनका मुंह तोड़ देते।