चुनावी हार का मंथन: जिस दिन केजरीवाल पीएम उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरेंगे दिल्ली की सभी सातों सीटें जीत जाएंगे-आप नेता गोपाल राय
- दिल्ली और पंजाब में आप को मिली हार
- पंजाब में 22 में से 3 सीट मिली
- दिल्ली में चार पर चुनाव लड़ी एक भी नहीं जीती
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को दिल्ली और पंजाब में मिली हार को लेकर पार्टी के नेताओं ने चर्चा की। पार्टी ने साथ ही उम्मीद भी जताई कि वे अगले लोकसभा चुनाव में और कड़ी मेहनत करेंगे। आपको बता दें पंजाब में 22 संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ी आप को सिर्फ तीन और इंडिया गठबंधन में शामिल होकर कांग्रेस के साथ दिल्ली में चार सीटों पर चुनाव लड़ी मगर दिल्ली में एक भी सीट आप के खाते में नहीं आई। जिस दिन केजरीवाल देश के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतरेंगे।आप पार्टी दिल्ली की सभी सातों लोकसभा सीटें जीत जाएगी।
आप दिल्ली इकाई के संयोजक गोपाल राय ने का कहना है कि इंडिया ब्लॉक विपरीत परिस्थितियों में दिल्ली में सात सीटों पर चुनाव लड़ा था और अपना वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी-कांग्रेस गठबंधन दिल्ली में सभी सातों सीटों पर बीजेपी से हार गया। लेकिन जिस दिन आप संयोजक और दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल देश के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरेंगे। आम आदमी पार्टी दिल्ली में सभी सातों लोकसभा सीटें जीत जाएगी।
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं को जेल में डाल दिया गया। सिंह ने कहा कि अगर हम चाहते तो हम उनके साथ डील कर सकते थे लेकिन हम लोगों के लिए काम करने के लिए राजनीति में आए हैं ना कि डीलर्स बनने के लिए।
आम आदमी पार्टी के महासचिव संदीप पाठक ने कहा कि पार्टी को बेशक जितनी उम्मीद थी, उससे कम सीटें मिली हैं लेकिन अभी खेल खत्म नहीं हुआ है। हम अगले चुनावों में नई ऊर्जा के साथ चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लोगों का फैसला पार्टी की शीर्ष प्राथमिकता है। हम स्वीकार करते हैं कि हमारी मेहनत में जरूर कोई कमी रह गई होगी। लेकिन हम अगले चुनाव में और अधिक कड़ी मेहनत करेंगे। आप नेता पाठक ने कहा कि हरियाणा और दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने हैं जबकि पंजाब में उपचुनाव होने हैं, जिन्हें जीतना पार्टी का लक्ष्य है।