स्वाति मालीवाल मारपीट केस: कोर्ट ने बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत 22 जून तक बढ़ाई, 18 मई को पुलिस ने किया था गिरफ्तार
- दिल्ली पुलिस को 22 जून को कोर्ट में पेश करने का निर्देश
- कुमार के खिलाफ16 मई को आईपीसी की कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई
- 18 मई को दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली की एक कोर्ट ने आज शनिवार 15 जून को आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट करने के आरोपी बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत 22 जून तक बढ़ा दी है, साथ ही दिल्ली पुलिस को 22 जून को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सहयोगी कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल के साथ बेरहमी से मारपीट करने का आरोप है।
महिला सांसद की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल के पीए के खिलाफ 16 मई को आईपीसी की कई गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की और 18 मई को आरोपी को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने उसी दिन कुमार को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद 24 मई को उन्हें चार दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया, जिसके बाद उन्हें फिर से तीन दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
आपको बता दें आज हुई सुनवाई के दौरान आरोपी बिभव कुमार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। इसके साथ ही दिल्ली पुलिस को उन्हें 22 जून को कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। इससे पहले कोर्ट ने शुक्रवार को आईओ के मौजूद न होने पर उनकी हिरासत एक दिन के लिए बढ़ा दी थी।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 जून को बिभव कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। बिभव ने सेशन कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था। अपनी जमानत याचिका में बिभव कुमार ने कहा है कि उन्हें पहले ही अनुचित कारावास की सजा दी जा चुकी है। अब तक वे 25 दिनों से अधिक समय से हिरासत में हैं।
आपकी जानकारी के लिए बता दें बिभव कुमार और स्वाति मालीवाल दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। बिभव कुमार ने जमानत याचिका में मालीवाल के प्रभावशाली नेता होने और उनके केस में सुनवाई हो रही है मेरी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। कुमार का आरोप है कि स्वाति मालीवाल की कथित चोटों को एमएलसी रिपोर्ट द्वारा झूठा साबित किया गया है, जो उनके बयान की पुष्टि नहीं करती है। उन्होंने अपनी याचिका में इसे आपराधिक मशीनरी के दुरुपयोग और छलपूर्ण जांच का मामला बताया है।