बदले की भावना का आरोप: देश की दूसरी सबसे बड़ी आबादी मुस्लिम को मोदी कैबिनेट में नहीं मिला मौका, सपा के पूर्व सांसद ने बीजेपी पर साधा निशाना
- मैं किसी कारणवश सांसद नहीं रहा- एसटी हसन
- आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ
- मोदी मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम न होने से नाराज हुए सपा नेता
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव बीतने के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में बनी एनडीए सरकार में कोई भी मुस्लिम मंत्री शामिल नहीं है। इसे लेकर समाजवादी पार्टी नेता एसटी हसन ने नाराजगी जाहिर करते हुए केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। सपा नेता ने कहा है कि आजादी के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं है, यह अफसोस की बात है।
सपा नेता ने कहा, “हिंदुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी आबादी को इस कैबिनेट में जगह नहीं दी गई है। मुस्लिम की नुमाइंदगी मोदी मंत्रिमंडल में होनी चाहिए थी, लेकिन इन लोगों ने एक भी मुस्लिम चेहरे को जगह नहीं दी। हालांकि, इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयानों से हमें बेइंतहा तकलीफ पहुंची है। प्रधानमंत्री के बयानों को सुनकर हमारा दिल टूटा है। सपा नेता ने कहा मैं यह सवाल पूछना चाहता हूं कि मुसलमान इस देश के नागरिक नहीं हैं क्या? अगर मुसलमान ने आपको वोट नहीं दिया, तो क्या आप लोग अब बदला लेंगे? आप लोग क्या प्रतिशोध की राजनीति पर उतारू हो चुके हैं? इस बात पर विचार होना चाहिए। हमें मोदी जी से यह उम्मीद नहीं थी।
एबीपी न्यूज के मुताबिक सपा चीफ व यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एसटी हसन को रामपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने आजम खान का लिहाज करते हुए वहां से चुनाव लड़ने से मना कर दिया और अपनी परंपरागत सीट मुरादाबाद से चुनाव लड़े, जिसका नतीजा हुआ कि उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। हार के सवाल पर हसन ने कहा मुझे इस बात का अफसोस है कि मैंने अखिलेश यादव की बात नहीं मानी। अगर मानी होती तो आज मैं भी संसद में बैठा होता। अखिलेश यादव ने मुझे रामपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहा था, लेकिन मैंने मना कर दिया। मेरे मना करने की वजह आजम खान थे। मैं उनके चुनावी क्षेत्राधिकार में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करना चाहता था। मुझे इस बात का एहसास हो रहा है कि मैंने अखिलेश यादव की बात ना मानकर कितनी बड़ी गलती की।
सपा नेता ने आगे कहा अखिलेश यादव का आदेश हम सभी के लिए सर्वोपरि है। मैंने एक गलती की कि मैं रामपुर से चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन निकट भविष्य में वो जो भी आदेश देंगे, वो मेरे लिए सर्वोपरि होगा। मैं आज समझता हूं कि मुझे अखिलेश यादव का लिहाज रख लेना चाहिए था।
हसन ने आगे कहा मैंने इतने सालों तक सांसद रहते हुए संसद में अपने लोगों के पक्ष में आवाज उठाई है, लेकिन आज मैं किसी कारणवश सांसद नहीं रहा, जिसका मुझे अफसोस है, मगर मेरी ख्वाहिश है कि मेरी पार्टी मुझे किसी भी तरह से संसद में जगह दिलाए, ताकि मैं अपने लोगों के पक्ष में आवाज उठा सकूं।