महाराष्ट्र राजनीति: CM की कुर्सी पर उद्धव ठाकरे को फिर से देखना चाहते हैं स्वामि अविमुक्तेश्वरानंद, कहा - 'उन से विश्वासघात हुआ है'

  • उद्धव ठाकरे से शंकराचार्य स्वामि अविमुक्तेश्वनांद की मुलाकात
  • उद्धव ठाकरे के आवास मातुश्री पर मिलने पहुंचे शंकराचार्य
  • शंकराचार्य ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनने की कही बात

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-15 15:04 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुंबई में शिवसेना पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के आवास 'मातोश्री' पर उद्धव ठाकरे से ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती पहुंचे थे। इस दौरान शंकराचार्य स्वामी ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के साथ धोखा हुआ है। उद्धव ठाकरे के साथ हुए इस धोखे पर हमे दुख है। शंकराचार्य ने कहा कि हमारा दुख तब तक नहीं खत्म होगा जब तक वह दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बन जाता हैं।

उद्धव ठाकरे के साथ धोखा हुआ -  अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती

इस बारे में न्यूज एजेंसी पीटीआई ने खबर पब्लिश की है। जिसके मुताबिक, अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा, "किसका हिंदुत्व असली है, ये जानना पड़ेगा। जो विश्वासघात करे वो हिंदू नहीं हो सकता है। जो विश्वासघात सह ले वो तो हिंदू होगा क्योकि उसके साथ विश्वासघात हुआ है। जिन लोगों ने विश्वासघात किया है, वो कैसे हिंदू हो सकते हैं। जब तक आप पुन: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान नहीं हो जाते, तब तक हम लोगों के मन की पीड़ा दूर नहीं होगी।"

उन्होंने कहा, "किसका हिंदुत्व असली है, ये जानना पड़ेगा। जो विश्वासघात करे वो हिंदू नहीं हो सकता है। जो विश्वासघात सह ले वो तो हिंदू होगा क्योकि उसके साथ विश्वासघात हुआ है। जिन लोगों ने विश्वासघात किया है, वो कैसे हिंदू हो सकते हैं। जब तक आप पुन: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान नहीं हो जाते, तब तक हम लोगों के मन की पीड़ा दूर नहीं होगी।"

शंकराचार्य ने उठाए सवाल

"हम हिंदू धर्म का पालन करते हैं। हम 'पुण्य' और 'पाप' में विश्वास करते हैं। 'विश्वासघात' को सबसे बड़े पापों में से एक कहा जाता है, वही उद्धव ठाकरे के साथ हुआ है। उन्होंने मुझे बुलाया, मैं आया। उन्होंने स्वागत किया। हमने कहा कि हमें उनके साथ हुए विश्वासघात पर दुख है।''

इसके बाद उन्होंने कहा, "पूरे महाराष्ट्र की जनता इस बात से पीड़ित है। सभी के मन में इस बात का दर्द है। चुनाव में इस बात का पता भी चल चुका है। उन्होंने जब तक फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आप विराजमान नहीं हो जाते हैं, तब हमलोगों के मन का जो दर्द है वो दूर नहीं हो सकता है। अब तो ये बात प्रमाणित हो चुकी है कि महाराष्ट्र की जनता इस बात को मानती है कि उद्धव ठाकरे जी के साथ विश्वासघात हुआ है।"

शंकराचार्य सरस्वती ने कहा कि जनता को ठेस पहुंचाना सही नहीं है। उन्होंने कहा, "जनता जिसके लिए बहुमत देती है, उसे उसके समय तक के लिए बनाए रखना चाहिए। बीच में सरकार को तोड़ देना और जनमत का अनादर करना अच्छी बात नहीं है। हमें राजनीति से लेना देना नहीं है लेकिन विश्वासघात को पाप बताया गया है। इस बारे में कौन बोलेगा? क्या राजनेता बोलेगा? इस पर तो कोई धर्माचार्य ही बोलेगा।"

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