उपचुनाव में देरी पर सवाल: सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के पुणे लोकसभा सीट पर चुनाव कराने के आदेश पर लगाई रोक

  • पुणे लोकसभा सीट के सांसद के निधन होने से खाली हुई सीट
  • 29 मार्च 2023 को सांसद गिरीश बापट का हुआ था निधन
  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने ईसी को चुनाव कराने के दिए थे निर्देश

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-08 09:33 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें हाईकोर्ट ने पुणे लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराने का आदेश दिया था। 29 मार्च 2023 को पुणे लोकसभा सीट के सांसद गिरीश बापट का निधन हो गया था, तब से ही ये सीट खाली है। सुको ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए उपचुनाव में हुई देरी को लेकर भी सवाल किया है।

आपको बता दें बॉम्बे हाईकोर्ट ने 13 दिसंबर 2023 को चुनाव आयोग को लताड़ लगाते हुए खाली सीट पर इलेक्शन कराने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने ईसी को निर्देश देते हुए कहा था कि चुनाव आयोग पुणे लोकसभा सीट पर उपचुनाव में देरी के लिए बेकार के कारण दे रहा है। दरअसल चुनाव आयोग ने कहा था कि अन्य चुनावी गतिविधियों और 2024 लोसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त होने के चलते वह उपचुनाव नहीं करा पा रहा है। इस पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि किसी भी संसदीय लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि ही लोगों की आवाज होते हैं। नागरिक बिना प्रतिनिधित्व के नहीं रह सकते और इससे संवैधानिक ढांचे को काफी नुकसान होता है।  अगर एक जनप्रतिनिधि नहीं रहे तो उनकी जगह किसी अन्य को चुना जाना चाहिए।

 चुनाव आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ शीर्ष कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इलेक्शन कमीशन ने अपनी याचिका में कहा कि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को खत्म हो रहा है, ऐसे में अब उपचुनाव कराने का कोई मतलब नहीं है। 

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