कैश फॉर वोट: सुप्रीम कोर्ट ने रेवंत रेड्डी की राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की गुहार को किया नामंजूर

  • विशेष अभियोजक नियुक्त करेगा सर्वोच्च अदालत
  • तेलंगाना में 2015 के कथित 'कैश फॉर वोट' घोटाला का मामला
  • तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी इस मामले में आरोपी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-08-29 13:37 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की उस गुहार को नामंजूर कर दिया जिसमें उन्होंने मामले की जांच राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की गुहार लगाई। मामला तेलंगाना में 2015 के कथित 'कैश फॉर वोट' घोटाला मामला से जुड़ा हुआ है। टॉप कोर्ट ने  गुरुवार को कहा कि वह इस मुकदमे में एक विशेष अभियोजक नियुक्त करेगा। आपको बता दें तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी कैश फॉर वोट मामले में आरोपी हैं।  जस्टिस  बी आर गवई, जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत विशेष अभियोजक के नाम के लिए तेलंगाना के सहयोगी न्यायाधीशों के साथ विचार विमर्श करेगी।

सुको ने माना कि केवल आशंका के आधार पर सुनवाई स्थानांतरित करने की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता। पीठ ने कहा, “यदि हम ऐसी याचिकाओं पर विचार करते हैं, तो हम अपने न्यायिक अधिकारियों पर विश्वास नहीं करेंगे। आखिरकार, हमें उनकी रक्षा करनी है।”

 समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा के अनुसार याचिकाकर्ताओं की दलील पेश कर रहे सुंदरम ने कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री स्वयं गृह मंत्री हैं। उन्होंने कहा, “प्राकृतिक न्याय का नियम है कि किसी भी व्यक्ति को अपने मामले में न्यायाधीश नहीं होना चाहिए।इसके बाद पीठ ने कहा कि वह विश्वास जगाने के लिए एक स्वतंत्र सरकारी वकील नियुक्त करने का आदेश पारित करेगी। तेलुगू देशम पार्टी के तत्कालीन नेता रेवंत रेड्डी को विधान परिषद चुनावों में पार्टी उम्मीदवार वेम नरेंद्र रेड्डी का समर्थन करने के लिए मनोनीत विधायक एल्विस स्टीफेंसन को 50 लाख रुपये की रिश्वत देते हुए भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 31 मई 2015 को गिरफ्तार किया था। एसीबी ने रेड्डी के अलावा कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया, जिन्हें बाद में जमानत दे दी गई थी।

आपको बता दें पीठ के समक्ष भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक गुंटाकंडला जगदीश रेड्डी और तीन अन्य ने मुकदमे को राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की गुहार लगाई थी। इन याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सी आर्यमा सुंदरम ने मुकदमे को स्थानांतरित करने की मांग करते हुए कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री इस मामले पर सार्वजनिक रूप से बयान दे रहे हैं।

उन्होंने दलील देते हुए मुख्यमंत्री पर पुलिसकर्मियों की पिटाई करने संबंधी सार्वजनिक बयान देने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि मामले की जांच करने वाला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो मुख्यमंत्री के नियंत्रण में आता है, क्योंकि उनके पास गृह मंत्रालय का प्रभार भी है। मुकदमे को भोपाल स्थानांतरित करने की मांग करने वाली याचिका में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि रेवंत रेड्डी अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री हैं।



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