मनी लॉड्रिंग केस: सर्वोच्च अदालत ने राकांपा नेता नवाब मलिक को मेडिकल आधार पर जमानत दी

  • महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को राहत
  • दो जजों की पीठ ने की सुनवाई
  • चिकित्सा आधार पर मिली जमानत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-30 06:32 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सर्वोच्च अदालत ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक को धन शोधन के एक मामले में मेडिकल आधार पर जमानत दे दी। जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने मलिक की ओर से पेश वकील की दलीलों पर गौर किया कि वह विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं। दो न्यायाधिशों की पीठ ने सुनवाई के बाद मलिक को जमानत दे दी। टॉप कोर्ट ने कहा कि मलिक को बंबई हाईकोर्ट के समक्ष नियमित जमानत याचिका के निपटारे तक चिकित्सा आधार पर जमानत दी गई है। आपको बता दें ईडी ने फरवरी 2022 में नवाब मलिक को अंडरवर्ल्ड लिंक के साथ कथित रूप से कम मूल्य वाली संपत्ति सौदे में मनी-लॉन्ड्रिंग केस (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था।

पीटीआई भाषा से मिली जानकारी के अनुसार ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने जमानत का विरोध नहीं किया और कहा कि अंतरिम चिकित्सा जमानत को स्थायी किया जा सकता है।

सरकारी समाचार एजेंसी के अनुसार ईडी ने भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों की गतिविधियों से कथित तौर पर जुड़े केस में फरवरी 2022 को मलिक को गिरफ्तार किया था। मलिक ने हाईकोर्ट से राहत मांगते हुए दावा किया था कि वह किडनी की बीमारी के अलावा कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं।

भाषा के अनुसार मलिक के खिलाफ ईडी का मामला वैश्विक आतंकवादी और 1993 के मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम तथा उसके साथियों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत दर्ज एक प्राथमिकी पर आधारित है।

आपको बता दें इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की अंतरिम जमानत दो सप्ताह के लिए और बढ़ा दी थी। उस समय ईडी वकील के अनुरोध को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई दो सप्ताह बाद तय की और इस बीच अंतरिम राहत के निर्देश दिए।

इससे पहले जनवरी में न्यायालय ने आदेश दिया था कि नवाब मलिक को मेडिकल आधार पर दी गई अस्थायी जमानत छह महीने के लिए बढ़ाई, जिसका ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने कोई विरोध नहीं किया। उन्होंने इसे लेकर कहा संघीय एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।

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