क्रेडिट पर सवाल: राम मंदिर निर्माण का क्रेडिट मोदी को देने पर सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाए सवाल, पीएम की जगह इन जजों को कहा शुक्रिया
- राम मंदिर निर्माण का क्रेडिट मोदी को देने पर सुब्रमण्यम स्वामी ने उठाए सवाल
- सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम की जगह इन जजों को कहा शुक्रिया
- राममय हुआ देश का माहौल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य राम मंदिर बन कर तैयार है। देश की बड़ी आबादी इसके पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहम योगदान मानती है। लेकिन उनकी ही पार्टी के सीनियर नेता पीएम मोदी पर राम मंदिर के संदर्भ में सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि रामजन्मभूमि का मामला जब सुप्रीम कोर्ट में अंत के नजदीक था, तब तब मोदी ने उसमें देरी करने की कोशिश की थी। अपने ट्वीट में सुब्रमण्यम स्वामी कहते हैं कि मंदिर के निर्माण के लिए असल में सुप्रीम कोर्ट और तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) रंजन गोगोई समेत बाकी जजों को शुक्रिया अदा किया जाना चाहिए।
बीजेपी नेता स्वामी लगातार अपनी ही पार्टी नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं। इस कड़ी में उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिए स्वामी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया एक्स पर उन्होंने दो ट्वीट राम मंदिर को लेकर किए हैं। जिनमें उन्होंने साफ तौर पर मोदी के खिलाफ बयानबाजी की है। उन्होंने अपनी दूसरी पोस्ट में कहा है कि "मोदी ने इस केस में देरी की कोशिश की थी। यह मामला तब टॉप कोर्ट में निपटने के आस-पास था। सरकार ने तब एक याचिका दाखिल की थी, जिसमें अयोध्या की सारी भूमि लौटाने के लिए कहा था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे नजरअंदाज किया था और राम मंदिर पर फैसला दिया था, जिसके लिए हमें उन्हें शुक्रिया कहना चाहिए। इसके लिए तब के सीजेआई गोगोई और चार अन्य जजों का भी धन्यवाद।"
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने किया ट्वीट
राममय हुआ देश का माहौल
गौरतलब है कि 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। जिसके चलते देश में राममय माहौल बना हुआ है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, बीजेपी इस कार्यक्रम के जरिए लोकसभा चुनाव में असर डालना चाह रही है। लेकिन, इस बीच बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी कई मायनों में अहम हो जाता है।
बीजेपी के प्रशंसकों का मानना है कि राम मंदिर बनने के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ है। हालांकि, असलियत इसके बिल्कुल उलट है। अदालत के चलते इस धर्मस्थल का रास्ता साफ हो पाया है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि भगवान राम का मुद्दा मोदी और उनकी छवि से जुड़ा हुआ है।