घमासान: जातीय जनगणना को लेकर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर साधा निशाना, दलों के बीच सबकुछ ठीक नहीं, जानिए आखिर क्या है मामला?
- जातीय जनगणना पर सपा-कांग्रेस आमने-सामने
- कांग्रेस पर बरसे अखिलेश यादव
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। आगामी लोकसभा चुनाव से पहले जातीय जनगणना को लेकर सियासत भी तेज होती हुई दिखाई दे रही है। बीते दिनों ही बिहार की नीतीश सरकार ने जातीय जनगणना की रिपोर्ट जारी की थी। तब से विपक्षी दल पूरे देश में इसे कराए जाने की मांग कर रहे हैं। खासतौर पर कांग्रेस पार्टी इसे लेकर लामबंद नजर आ रही है और तमाम विपक्षी दलों के साथ जातीय जनगणना कराए जाने की मांग कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी खुलकर इसका समर्थन कर चुके हैं। जिसे लेकर अब समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा है कि ये चमत्कार है कि आज कांग्रेस भी इसकी मांग कर रही है।
जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस पार्टी पर अखिलेश ने कहा कि, जातीय जनगणना की याद कांग्रेस को अब आई है। यही वो कांग्रेस है जिसने जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किए, ये किसी चमत्कार से कम नहीं है। दलित और अन्य समुदायों का जिक्र करते हुए सपा सुप्रीमो ने कहा कि, अगर कांग्रेस को लगता है कि अगर पिछड़े, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक भाईयों की बात नहीं की जाएगी तब तक कामयाब होना मुश्किल है। पीएम को लेकर अखिलेश ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद भी कहते हैं कि हम पिछड़े हैं, सब राजनीतिक से प्रेरित है।
सपा-कांग्रेस में बात कहां बिगड़ी?
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी में इन दिनों तनातनी चल रही है। इसका मु्ख्य कारण मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव है। अगले महीने एमपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विस चुनाव को लेकर कांग्रेस-सपा में गठबंधन होने वाली थी लेकिन सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाई। सूत्रों के मुताबिक, सपा कई सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन कांग्रेस इस बात को लेकर तैयार नहीं थी।
सपा से कांग्रेस को होगा नुकसान?
कांग्रेस का कहना है कि, सपा का जनाधार एमपी में नहीं है जिसकी वजह से उसके मनमुताबिक सीट नहीं मिल पाएगी। साथ ही कांग्रेस ने ये भी आरोप लगाया कि, सपा बीजेपी को फायदा देने के लिए चुनावी मैदान में उतर रही है। एमपी के 30 से 35 सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी में है। राजनीतिक विश्लेशकों के मुताबिक, सपा के चुनाव लड़ने के फैसले से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है।