महाराष्ट्र सियासत: शिंदे सरकार के पोस्टर्स ने बढ़ाई सियासी सरगर्मी, क्या भाजपा और शिवसेना के बीच मिल रहे दरार के संकेत?

  • शिंदे गुट की शिवसेना के लगे पोस्टर्स
  • राजनीतिक गलियारियों में हलचल तेज
  • क्या महायुति गठबंधन में दरार के मिल रहे संकेत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-06-22 11:31 GMT

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोकसभा चुनाव के बाद से ही महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारियों में सियासी हलचल तेज है। राज्य की सत्ताधारी महायुति गठबंधन के घटक दलों में बीते कुछ दिनों से तनातनी की खबरें सुर्खियों में है, जो खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल, पहले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और भाजपा के बीच मनमुटाव की खबरें सामने आई थी। इसके बाद अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के बीच माहौल खराब होता दिखाई पड़ रहा है। इस बात को बयां करती है सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में जगह जगह पर लगे बैनर्स। कंकावली में शिवसेना के कार्यालय के बाहर लगे एक बैनर पर शिंदे सरकार में मंत्री उदय सामंत और उनके भाई किरण सामंत की तस्वीरों के साथ लिखा है 'वक्त आने दो, जवाब भी देंगे और हिसाब भी लेंगे'। आपको बता दें, उदय सामंत रत्नागिरी से लगातार चार बार के विधायक हैं।

इस बीच सवाल यह है कि कंकावली में इन पोसटर्स के जरिए शिवसेना किसे चेतावनी दे रही है? दरअसल, लोकसभा चुनाव में सामंत ब्रदर्स चाहते थे कि रत्नागिरी सिंधुदुर्ग सीट उनके पास ही रहे। लेकिन भाजपा ने इस सीट पर वहां से तत्कालीन केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतारा था। जिसके बाद से ही भाजपा और शिंदे गुट के बीच मनमुटाव शुरु हो गया था। इस बीच नारायण राणे के बेटे नीलेश राणे ने सामंत ब्रदर्स पर चुनाव के दौरान क्षेत्र में मदद न करने का आरोप भी लगाया था। हालांकि, इन सब के बावजूद नारायण राणे वहां से जीतने में सफल रहे थे। इस हिसाब से कयास लगाए जा रहे है कि कंकावली में इन पोसटर्स के जरिए शिवसेना नारायण राणे पर निशाना साधने का प्रयास कर रही है।

शिवसेना के पोस्टर्स से सियासी पारा हाई

कंकावली में लगे पोसटर्स की खबरे राज्य के हर क्षेत्र में आग की तरह फैल रही है। लोगों के बीच यह एक चर्चा का विषय बना हुआ है और इन पर लोगों के अलग-अलग तर्क सामने आ रहे हैं। बैनर की बात की जाए तो, इस पर बाला साहेब ठाकरे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ एक बाघ की तस्वीर लगाई गई है। साथ ही सामंत ब्रदर्स की तस्वीरें भी छापी गई हैं और नीचे 'शिवसेना जिला पदाधिकारी और शिवसैनिक' लिखा है।

लोकसभा चुनाव में इस बार एनडीए का प्रदर्शन कुछ खास देखने को नहीं मिला। चुनाव से पहले 400 पार का दावा करने वाली एनडीए 300 के आकड़े को भी पार नहीं कर पाई। महाराष्ट्र की बात करें तो यहां पर भी कई सीटों पर भी एनडीए को झटका लगा है। राज्य की कुल 48 लोकसभा सीटों में से एनडीए केवल 17 पर ही अपना परचम लहरा पाई। जबकि इंडिया गठबंधन के खेमे में 30 और 1 सीट निर्दलीय ने जीती है।

नारायण राणा के बेटे ने लगाया आरोप

महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद तनातनी रात्नागिरी-सिंधुदुर्ग संसदीय क्षेत्र में ही देखने को मिली थी। इस सीट के सांसद नारायण राणे के बेटे निलेश राणे ने सामंत ब्रदर्स पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पालक मंत्री होते हुए भी उदय सामंत जिले में पार्टी को नेतृत्व दिलाने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा कि सामंत रत्नागिरी के संरक्षक मंत्री हैं और उन्हें जो करना चाहिए था, वह उन्होंने नहीं किया।

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