महाराष्ट्र सियासत: एनसीपी छिनने के बाद शरद पवार का छलका दर्द, निर्वाचन आयोग के फैसले को बताया 'आश्चर्यजनक'
- एनसीपी छिनने के बाद शरद पवार ने दी पहली प्रतिक्रिया
- निर्वाचन आयोग ने फैसले को शरद पवार ने बताया आश्चर्यजनक
- शरद पवार ने कहा कि हमारी पार्टी दूसरों को दे दिया
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय निर्वाचन आयोग ने हाल ही में एनसीपी को लेकर बड़ा फैसला किया था। आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया था। साथ ही, अजित पवार गुट को पार्टी का नाम और चिह्न दे दिया। इधर, शरद पवार चुनाव आयोग के फैसले को दूर से देखते रह गए। लेकिन, अब इस पूरे मामले पर शरद पवार की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का यह फैसला आश्चर्यजनक था। क्योंकि, आयोग ने उन लोगों के हाथों से पार्टी को छीन लिया, जिन्होंने पार्टी की स्थापना की।
महीने की शुरुआत में निर्वाचन आयोग ने एनसीपी का नाम और आलार्म घड़ी अजीत पवार को थमा दी। आयोग के मुताबिक, शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच पार्टी को लेकर खींचतान जारी थी। इस मामले को लेकर पिछले छह महीने के दौरान 10 बार सुनवाई हुई थी। इसके बाद आयोग ने अजीत पवार को एनसीपी देने का फैसला किया। आयोग ने अजित को एनसीपी विधायकों के अधिक समर्थन के चलते दिया है।
फैसले को बताया आश्चर्यजनक
इधर, शरद पवार गुट ने आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में अपील की है। 1999 में एनसीपी की स्थापना करने वाले शरद पवार ने रविवार को कहा कि अजीत पवार के नेतृत्व वाले समूह को एनसीपी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करने का चुनाव आयोग का निर्णय 'आश्चर्यजनक' था। क्योंकि, आयोग ने उन लोगों से पार्टी का चुनाव चिह्न और नाम छिना है, जिन्होंने इसे स्थापित किया था शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'चुनाव आयोग ने न सिर्फ हमारा चुनाव चिह्न छीना बल्कि हमारी पार्टी भी दुसरों को सौंप दी।'