पैसे के बदले नौकरी: तमिलनाडु में डीएमके की स्टालिन सरकार में शामिल मंत्री सेंथिल बालाजी ने कैबिनेट से दिया इस्तीफा
- गिरफ्तारी के आठ महीने बाद इस्तीफा
- मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में आठ महीने से बंद
- मुख्यमंत्री कार्यालय ने की पुष्टि
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार के मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने अपनी गिरफ्तारी के आठ महीने बाद कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। बालाजी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में आठ महीने से बंद है। सोमवार को उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इसकी पुष्टि हो चुकी है। इस्तीफा अब राज्यपाल को भेजा जाएगा। मंत्री वी सेंथिल बालाजी ने गिरफ्तारी के बाद भी डीएमके कैबिनेट से इस्तीफा नहीं दिया था। हालांकि सीएम स्टालिन ने उनके विभागों ऊर्जा, एक्साइज को अन्य मंत्रियों को आवंटित कर दिया था।
14 फरवरी को मद्रास हाईकोर्ट में वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है, सुनवाई से पहले उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। हाईकोर्ट में जस्टिस आनंद वेंकटेश, वी सेंथिल बालाजी की जमानत याचिका पर सुनवाई करेंगे, जिन्होंने कुछ दिन पहले बालाजी के मंत्री पद पर रहने की तीखी आलोचना की थी। जस्टिस वेंकटेश ने लंबे समय से जेल में बंद नेता के कैबिनेट में होने पर राज्य में प्रशासन और कानूनी मानक को लेकर चिंता जताई थी
आपको बता दें ईडी ने बीते साल जून में मनी लॉन्ड्रिंग के दस साल पुराने मामले में वी सेंथिल बालाजी को गिरफ्तार किया था। साल 2014 में एआईडीएमके सरकार में परिवहन मंत्री रहते हुए बालाजी पर मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में पैसे लेकर लोगों को नौकरी देने के आरोप लगे थे। ईडी की गिरफ्तारी के वक्त उनके समर्थनों से जमकर हंगामा किया। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनके दिल की सर्जरी हुई। 17 जुलाई को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद सेंथिल बालाजी को तमिलनाडु की पुझल सेंट्रल जेल भेजा गया और तब से वे जेल में बंद हैं। इस दौरान उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया था।